नई दिल्ली. डेयरी एक्सपर्ट का मानना है कि ठंड के समय में तापमान और आंतरिक ऊर्जा को नियंत्रित करने की वजह से गाय और भैंस के दूध उत्पादन में कमी हो जाती है. इस कंडीशन में गाय और भैंस के दूध उत्पादन में 15 से 20 फीसदी की कमी हो जाती है. वहीं कई बार मौसम के बदलाव से पशुओं के शरीर पर विपरीत असर पड़ता है. जिससे वह बीमार होती हैं और ये भी दूध उत्पादन में कमी हो जाने की वजह बनती है. जबकि जलवायु परिवर्तन की वजह से भी दूध उत्पादन में कमी देखी जाती है. दूध उत्पादन में कमी की वजह से पशुपालन में फायदे की जगह नुकसान होने लगता है.
नवंबर का महीना तकरीबन बीत चुका है और दिसंबर का आगाज होने जा रहा है. इसका मतलब यह है कि ठंड की शुरुआत पूरी तरह से हो चुकी है. ऐसे में पशुओं के दूध उत्पादन में कमी होना सामान्य है. अगर कमी होती है, तो इससे पशुपालकों को नुकसान होता है और पशुपालक अभी भी नहीं चाहते कि उनका पशु कम दूध उत्पादन करें. डेयरी एक्सपर्ट के मुताबिक पशुपालन में दूध देने की कमी को दूर भी किया जा सकता है.
ऐसे बढ़ाएं दूध उत्पादन
ठंड के दौरान दूध उत्पादन में कमी न हो इसके लिए पशुओं को संतुलित आहार खनिज मिश्रण और एनर्जी बूस्टर देना चाहिए.
पशुओं को गेहूं का दलिया, ज्वार, चना, सरसों की खली भी दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए खिलाई जाती है.
पशुओं को बरसीम या हरा चारा खिलाने के साथ-साथ थोड़ा सूखा चारा भी खिलाना चाहिए.
पशुओं को गुड़ सरसों का तेल भी देना बेहद फायदेमंद होता है.
कोशिश करें कि पशुओं के घर को ठंडा होने से बचाएं.
डेयरी फार्म के बाहर जहां पशु बैठते हैं उस स्थान को हमेशा ही सूखा रखें. गीला स्थान होने की वजह से पशुओं को बीमारी का भी खतरा रहता है. ठंड भी लग सकती है.
पशुओं के बाड़े को खुला रखना चाहिए. इससे पशुओं के बाड़े में धूप आएगी तो उससे उन्हें राहत मिलेगी. ठंड में भी कमी होगी.
पशुओं को जब धूप निकल जाए तभी चराने के लिए बाहर ले जाना चाहिए.
इस सामग्री को खिलाकर बढ़ाएं उत्पादन
डेयरी एक्सपर्ट कहते हैं कि गाय और भैंस का दूध बढ़ाने के लिए दुधारू गाय व भैंस को 200 से 300 ग्राम सरसों का तेल 250 ग्राम गेहूं का आटा से बनी हुई सामग्री खिलानी चाहिए. इसे बनाने के लिए दोनों को मिला लेना चाहिए. फिर इसे शाम के समय पशु के चारे व पानी खाने के बाद खिलाना चाहिए. इससे दूध उत्पादन में इजाफा हो जाता है लेकिन ध्यान देने की बात यह है कि पशु को इसे खिलाने के बाद पीने के लिए कोई पानी और कोई दवा नहीं देना चाहिए.
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