Home पोल्ट्री Poultry: मुर्गियों की क्यों काटी जाती है चोंच, ये भी पढ़ें, किसकी नहीं काटनी चाहिए, सावधानी भी जानें
पोल्ट्री

Poultry: मुर्गियों की क्यों काटी जाती है चोंच, ये भी पढ़ें, किसकी नहीं काटनी चाहिए, सावधानी भी जानें

layer hen breeds
फीड खाती मुर्गियों की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग के दौरान ऐसी कई चीजें, जिनको करना जरूरी होता है. उसी में से एक है मुर्गियों की चोंच को काटना या फिर इसे तराशना भी कह सकते हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि कई बार इस कार्य इस वजह से किया जाता है कि मुर्गी खुद से ही दिए अंडों को नुकसान न पहुंचा दे. वहीं कुछ अन्य मामलों में खुद पर दूसरी मुर्गियों पर हमला करने का भी मामला होता है. इन सब वजहों से पोल्ट्री संचालक मुर्गियों की चोंच को तराशते हैं. एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि ये कार्य बहुत ही सावधानी से किया जाना चाहिए.

किस तरह से चोंच को काटा जाए, ये भी आना जरूरी है. कोई भी चोंट को नहीं काट सकता है. ऐसा करने पर मुर्गियों को नुकसान पहुंच सकता है. एक्सपर्ट के मुताबिक चोंच तराशना खासतौर पर ग्रामीण कुक्कुट पालन में हमेशा आवश्यक नहीं होता है. ज्यादातर प्रजातियां दोहरे उद्देश्य वाली वज़नी पक्षियों की होती हैं और आक्रामक व्यवहार की नहीं होती हैं. परंतु, कुछ हल्की तथा अंडे देने वाली किस्मों में, विशेषकर नर पक्षियों के बीच, हमला रोकने हेतु चोंच कटाव की आवश्यकता हो सकती है.

किस उम्र में करें चोंच कटाव
चोंच कटाव के लिए 7 से 10 दिन की उम्र में, 4.0, 4.37 और 4.75 मिमी (10/64, 11/64 और 12/64 इंच) के छेदों वाले कैमरे वाले चोंच कटर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. चोंट काटने के दौरान इस बात का ध्यान देना चाहिए कि उचित आकार का छेद, चूजों के आकार और आयु दोनों पर निर्भर करता है. उचित दागनी के लिए एक चेरी जैसे लाल रंग की ब्लेड की सिफारिश एक्सपर्ट की ओर से की जाती है. हालांकि, लगभग 59.5 प्लस 100 सेंटीग्रेट पर ब्लेड रखने के लिए ब्लेड के तापमान को मापने के लिए बेहतर तरीका, पायरोमीटर का उपयोग होता है.

क्यूब फूड देना चाहिए
एक्सपर्ट के मुताबिक चोंच कटाव के दौरान कुछ सावधानी भी बरतना जरूरी होता है.
रोगग्रस्त पक्षी की चाँच काट-छाँट न करें. चोंच तराशते समय जल्दबाजी न करें. चोंच तराशने से 2 दिन पहले और बाद में पानी में इलेक्ट्रोलाइट्स और विटामिन का प्रयोग करें. चोंच तराशने के बाद कई दिनों तक क्यूब फूड देना शुरू कर दें. मुर्गियों के चोंच काटने के काम को हमेशा ही प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा किया जाना चाहिए.

इन मुर्गियों न तराशें चोंच
मुक्त-क्षेत्र परिस्थितियों में पाले जाने वाले पक्षियों की चोंच तराशने नहीं करनी चाहिए. घर-आंगन में खाने के लिए पैनी चोंच जरूरी होती है. चोंच तराशने के कारण घर-आंगन से खाना ढूंढने में मुर्गियों की कौशल कम हो जाता है. स्वजाति भक्षण पक्षियों के लिए एक बुराई है, जिसे झुंड से हटाने के लिए कुछ हरियाली पेड़ की लटकती शाखाओं द्वारा पक्षियों का ध्यान आकर्षित करवाना चाहिए. अलग-अलग पक्षियों द्वारा घावों वाले पक्षियों का इलाज उन्हें अलग कर और व्यापक स्पेक्ट्रम युक्त प्रतिजैविक या हल्दी चूर्ण लगा कर करें.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

यह भयंकर छूतदार बीमारी है जो कि चूजों में ज्यादा होती है.
पोल्ट्री

Poultry Gumboro Disease: पोल्ट्री में क्या है गम्बोरो बीमारी, जानें इसके बचाव का तरीका

यह भयंकर छूतदार बीमारी है जो कि चूजों में ज्यादा होती है.

poultry farming, poultry feed, marigold, poultry
पोल्ट्री

Poultry Feed: बाजार का महंगा फीड छोड़िए, घर पर बनाइए पोल्ट्री फीड और कमाइए मोटा मुनाफा

बड़े पोल्ट्री फार्मर के लिए यह काम आसान होता है. क्योंकि उनका...