Home मीट Red Meat: वीक में कितनी बार और कितना खाना चाहिए रेड मीट, ज्यादा खाने के क्या हैं नुकसान, पढ़ें यहां
मीट

Red Meat: वीक में कितनी बार और कितना खाना चाहिए रेड मीट, ज्यादा खाने के क्या हैं नुकसान, पढ़ें यहां

red meat
रेड मीट की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. अक्सर लोगों के जेहन में ये सवाल रहता है कि अगर रेड मीट का सेवन कर रहें तो कितना करना चाहिए कि उनकी सेहत पर बुरा असर न पड़ा. क्योंकि न्यूट्रिशनिस्ट ये कहते हैं कि रेड मीट खाने का फायदा तो है लेकिन जब ये ज्यादा हो जाता है तो हेल्थ को नुकसान भी पहुंचा सकता है. इसलिए जरूरी है कि हमेशा ही इसे इतना खाया जाए कि नुकसान न करे. अब सवाल ये उठता है कि ये कैसे पता कि कितना हेल्थ के लिए बेहतर है? आपके इसी सवाल का जवाब इस आर्टिकल में आपको मिलेगा.

जहां आपको मालूम होगा कि कितना मीट आपकी हेल्थ के लिए बेहतर है. जानकारी के लिए बता दें कि रेड मीट WHO द्वारा क्लासीफाइड कार्सिनोजेन्स की सूची में है. यहां आप सोच रहे हों कि कार्सिनोजेन्स क्या है तो आपको बता दें कि ये कैंसर को दावत देने वाला तत्व है. इसलिए एक्सपर्ट कहते हैं कि आपको इस मांस के सेवन को प्रति सप्ताह लगभग 1-2 बार तक सीमित करना चाहिए. रेड मीट को अन्य प्रकार के मांस जैसे पोल्ट्री, मछली, बीन्स … उच्च पोषक तत्व वाले खाद्य पदार्थों से बदलना होगा बेहतर है.

कौन सी बीमारी होती है
कई अध्ययनों से पता चला है कि बहुत अधिक रेड मीट खाने से हृदय रोग, कोलन कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्लसीफाइड के अनुसार, लाल मांस एक कार्सिनोजेन है. इसके अलावा, अधिकांश अध्ययन यह निष्कर्ष निकालते हैं कि लाल मांस को कम खाना हर तरह से हेल्थ के लिए बेहतर है.

सप्ताह में कितना मांस खाना चाहिए
प्रति दिन कितना मांस खाना चाहिए, इसके बारे में कई अध्ययनों से पता चलता है कि प्रोसेसिंग के तमाम रूपों जैसे नमकीन, स्मोक्ड, 50-100 ग्राम हर दिन सामग्री के साथ बहुत सारे लाल मांस खाने से बीमारियों का खतरा थोड़ा बढ़ सकता है. इसके विपरीत, प्रति सप्ताह 1-2 बार लाल मांस का सेवन करने से कोई बीमारी का खतरा नहीं होता है.

हेल्दी व्यंजनों को करें शामिल
हेल्दी मांस खाने के लिए, अपने मांस का सेवन सीमित करना और प्रत्येक सप्ताह कुछ मांस-मुक्त दिन रखना महत्वपूर्ण है. अगर लाल मांस प्रोटीन और आयरन के मामले में पोषण मूल्य से समृद्ध हो सकता है. मछली, मुर्गी पालन और फलियां जैसे विकल्प समान लाभ प्रदान कर सकते हैं. तो आप विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों को आहार में शामिल कर सकते हैं और लॉन्ग टर्म तक अपनी हेल्थ हासिल कर सकते हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

livestock animal news
मीट

Chicken: यो यो हनी सिंह ने सवाल के जवाब में चिकन को लेकर कही ये बड़ी बात, पढ़ें यहां

भाग दौड़ भरी जिंदगी में रेडी टू एट और फास्ट फूड के...

gadhi mai mela
मीट

Export: इस राज्य ने पशुओं के निर्यात पर लगाई रोक, वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

गढ़ी मेला 15 नवंबर से शुरू हो चुका है लेकिन इसमें विशेष...

poultry farming
मीट

Poultry Meat: अमेरिका से आया इस पोल्ट्री मीट का पहला कंटेनर, जी-20 सम्मेलन में हुआ था समझौता

भारत में रहने वाले विदेशियों में टर्की के मीट की खासी डिमांड...