नई दिल्ली. भारत के आधी से ज्यादा जनसंख्या मछली खाना पसंद करती है. जबकि डॉक्टर भी मछली खाने की सलाह देते हैं. इस वजह से मछली खाने वालों की संख्या में दिन.ब.दिन इजाफा हो रहा है और मछली की मांग भी लगातार देश में बनी रहती है. मछली फार्मिंग के एक्सपर्ट इसी वजह से मछली फार्मिंग में किसानों की सक्रियता बढ़ाने की बात कहते हैं और सरकार भी इसको लेकर तमाम योजनाएं चलाती है. इतना ही नहीं सरकार की तरफ से मछली फार्मिंग करने के लिए किसानों को लोन भी दिया जाता है और उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाती है. ताकि उन्हें फायदा हो सके और उनकी आय बढ़ सके.
मछली पालन इस वजह से हो रहा है
हर किसी के दिमाग में यह बात आ सकती है कि मछली पालन के व्यवसाय में ऐसा क्या है कि उसे करना चाहिए, तो बता दें कि मछली पालन के व्यापार में आपको नुकसान का की आशंका बहुत कम है. मछली पालन जितना भारत में किया जा रहा है उसे कई गुना ज्यादा दूसरे देशों में किया जा रहा है. मछली से मिलने वाली एनर्जी, पौष्टिक आहार जिसे हमारे शरीर और रोगों में दवा के रूप में आने वाली कई फायदे हैं. जिससे मछली की मांग दिन बढ़ रही है.
बहुत फायदे का सौदा है
आजकल तो लोग अपने यहां पर ही तालाब या छोटे फॉर्म बनवाकर इस व्यवसाय को कर रहे हैं और लाखों की कमाई उन्हें हो रही है. मछलियों की कई प्रजातियां हैं. जिनमें हर प्रजाति का कोई न कोई अपना कुछ गुण होता है. इसी विशेष गुण के चलते बाजार में ज्यादा प्रसिद्ध होती हैं. उनकी मांग ज्यादा होती है. ये सभी फायदे मछली व्यवसाय को बहुत ज्यादा फायदे का सौदा बना देते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करीब 70ः लोग मछली का सेवन करते हैं.
इन क्षेत्रों में मछली पालन करना आसान है
मछली पालन व्यापार करके भारत के ऐसे कई शहर हैं, जहां 25 फ़ीसदी आबादी इसी से रोजगार चल रही है. मछली पालन के व्यवसाय को दूसरी भाषा में फिश फार्मिंग भी कहा जाता है. भारत के लगभग आदि जनसंख्या से ज्यादा लोग मछली खाना पसंद करते हैं. मछली पालन व्यवसाय उन क्षेत्रों के लिए भी फायदेमंद है, जहां पर नदियां झरने तालाब क्षेत्र आते हैं. जहां पर इन सभी स्रोतों की सुविधा अच्छी मिलती वहां पर मछली पालन का व्यापार करना और भी आसान हो जाता है.
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