Home सरकारी स्की‍म Government Scheme: पूरी दुनिया की जुबान पर छाएगा यूपी का स्वाद, ये है योगी सरकार का प्लान
सरकारी स्की‍म

Government Scheme: पूरी दुनिया की जुबान पर छाएगा यूपी का स्वाद, ये है योगी सरकार का प्लान

यूपी का हर जिला अपने किसी खास पकवान या पकवानों के लिए फेमस है.
पकवानों की प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. बलिया का छेना, एटा का गजक, झांसी की गुझिया और बरेली की बर्फी की अब अपनी ठसक दिखाएगी. वहीं गोरखपुर के परवल की मिठाई, महराजगंज की खीर, कुशीनगर के ठेकुआ का क्रेज भी बढ़ेगा. फिर भला जौनपुर की इमरती, हाथरस की रबड़ी, काशी के लाल पेड़े भी पीछे कहां रहने वाली है. अब देश और दुनिया में सबकी जुबान पर उत्तर प्रदेश का खास स्वाद होगा. सरकार अब नई योजना बना रही है, जिसमें एक जिला एक पकवान शामिल होगा. यूपी में एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) की सफलता के बाद उसी तर्ज पर योगी सरकार एक जिला एक पकवान (वन डिस्ट्रिक्ट वन कुजीन/ओडीओसी) योजना लाने जा रही है. इसके जरिए सरकार किसी खास जिले के खास पकवान या पकवानों को इसमें शामिल कर प्रमोट करेगी. इनकी गुणवत्ता निखारने, उनको बाजार की मांग के अनुकूल बनाने से लेकर पैकेजिंग और मार्केटिंग में मदद करेगी. आइये जानते हैं, सरकार की इस योजना के बारे में.

हाल ही में योगी सरकार के आठ साल पूरे होने पर आठ वर्ष के नाम से छपी बुकलेट में लिखा गया है कि एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के शुरुआत के बाद से राज्य का निर्यात 88967 करोड़ से बढ़कर दो लाख करोड़ से अधिक हो गया. एक जिला एक पकवान से भी सरकार को ऐसी ही अपेक्षा है. क्योंकि जिन पकवानों को (ओडीओसी) में शामिल किया जाएगा, उनमें से कुछ एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल होंगे. कुछ को जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई)भी मिला होगा. कुछ जीआई टैगिंग की पाइपलान में होंगे. इन दोनों का लाभ इन खास पकवानों को मिलना स्वाभाविक है। ऐसा हो भी रहा है।

उत्पादों के निर्यात में होगी वृद्धि: ओडीओपी के उत्पादों से निर्यात में वृद्धि की बात योगी आदित्यनाथ बार बार कहते हैं. जी उत्पादों के बारे में भी इसके प्रमाण हैं. उत्तर प्रदेश के कई उत्पादों को जीआई टैगिंग दिलवाने में सहयोगी और जीआई मैन के नाम से जाने जाने वाले पद्मश्री डॉक्टर रजनीकांत के अनुसार वाराणसी क्षेत्र के जीआई उत्पादों के कारण इस क्षेत्र का सालाना कारोबार करीब 25500 करोड़ रुपए का हो गया है. इससे जुड़े करीब 20 लाख लोगों को इससे लाभ हुआ है. बता दें कि यूपी के 77 और वाराणसी क्षेत्र के 32 उत्पादों को जीआई टैगिंग मिल चुकी है. यह देश में सर्वाधिक है. हाल ही में काशी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 उत्पादों को जीआई टैगिंग प्रदान की थी.

हर जिले का खास है पकवान: यूपी का हर जिला अपने किसी खास पकवान या पकवानों के लिए फेमस है. इन पकवानों की संबन्धित जिलों में बेहद संपन्न परंपरा है. इन जिलों का नाम आते ही अपने आप वहां के खास पकवान या पकवानों का नाम याद आ जाता है. जैसे, हापुड़ पापड़ के लिए जाना जाता है तो मऊ का गोठा अपने खास स्वाद के छोटे छोटे साइज के गुड़ के लिए. मथुरा का नाम आते ही पेड़े की मिठास याद आती है और आगरा का नाम आते ही पेठा याद आता है. अयोध्या के खुरचन के लड्डू, चुरेब की चाय, जौनपुर की इमरती, संडीला (हरदोई) का लड्डू, हाथरस की रबड़ी, वाराणसी जैसे प्राचीनतम शहरों में तो एक नहीं कई पकवान हैं मसलन लाल पेड़ा, तिरंगी बर्फी, ठंडाई, लाल भरुआ मिर्चा, खस्ता और कचौड़ी आदि. इसी तरह लखनऊ की रेवड़ी, गलावटी कबाब आदि फेमस हैं. देवरिया के लिट्टी चोखा,फर्रुखाबादी समोसा, गाजियाबाद के कचालू,बरेली की बर्फी की भी ब्रांड वैल्यू बढ़ेगी.

इन जिलों की फेमस हैं चीजें: उन्नाव (मठरी), रायबरेली (आलू के पराठे), सीतापुर (मावा पान), लखीमपुर खीरी (गन्ने के रस की खीर), कानपुर नगर और देहात (ठग्गू के लड्डू, बेसन की बर्फी), फर्रुखाबाद: (फर्रुखाबादी समोसा) औरैया (पुआ) भदोही: (बथुआ पराठा), चंदौली: (मक्का के लड्डू), फिरोजाबाद ( तिल के लड्डू), मैनपुरी (खस्ता कचौड़ी) एटा (गजक) गोरखपुर: (परवल की मिठाई), महराजगंज: (चावल का खीर),कुशीनगर: (ठेकुआ) देवरिया के लिट्टी-चोखा, हरदोई (खजला) बरेली की बर्फी पीलीभीत: (बाजरे की रोटी) बदायूं (खुरचन), शाहजहांपुर (कढ़ी-चावल),मेरठ (नानखटाई),बागपत के गुड़ की रेवड़ी,गाजियाबाद का कचालू,हापुड़ (बांस का हलवा), नोएडा (चॉकलेट मिठाई),झांसी की गुझिया, ललितपुर की मक्का रोटी,
जालौन (उरद दाल पकौड़ा) प्रयागराज: (अमरूद की चटनी), कौशांबी (सिंघाड़ा हलवा),फतेहपुर (तिल एवंलह गुड़ का लड्डू), बलरामपुर (जलेबी), श्रावस्ती (कटहल की बिरयानी, अयोध्या (फैजाबाद) का मालपुआ के लिए जाना जाता है.

इस सूची में आ सकते हैं नाम: अंबेडकर नगर: (तहरी),सुल्तानपुर ,(कुल्फी) मिर्जापुर (बरिया मिठाई),सोनभद्र ,(महुआ लड्डू ),भदोही (गोंद के लड्डू) बस्ती (केले का कोफ्ता) कासगंज (पनीर समोसा) आजमगढ के गुड़ चावल से बनने वाली बखीर, मऊ( मूंग दाल हलवा), बलिया (छेना मिठाई) अयोध्या (फैजाबाद) की बालूशाही,अंबेडकर नगर (मटर पुलाव),सुल्तानपुर: (बेल के लड्डू), बुलंदशहर: (खस्ता पूरी) और सहारनपुर का डोसा आदि के भी और अच्छे दिन इस सूची में आने के बाद आ सकते हैं.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

as well as rising input costs and low market prices for their products.
सरकारी स्की‍म

Fisheries: सीवीड उत्पादन को बढ़ाने के लिए क्या कर रही है सरकार, पढ़ें यहां

कोरी क्रीक क्षेत्रों में समुद्री शैवाल की खेती के लिए व्यवहार्यता रिसर्च...

livestock animal news
सरकारी स्की‍म

Animal: पशुओं को चारा उपलब्ध कराएगी सरकार, बाढ़ पीड़ित पशुपालकों की मदद के लिए लिया फैसला

आपदा ग्रस्त पशुओं के जीवन रक्षण के लिये सामान्यतः बड़े जानवरों के...

Under the Prime Minister Matsya Sampada Yojana (PMMSY), the flagship scheme of the Government of India in Andhra Pradesh, a total investment of Rs 2300 crore has been envisaged in the fisheries sector for five years. livestockanimalnews
मछली पालनसरकारी स्की‍म

Fish: 9 साल में चार गुना हुआ सीवीड उत्पादन, खेती की यहां है संभावनाएं

समुद्री शैवाल की खेती, PMMSY के अंतर्गत प्राथमिकता वाली गतिविधियों में से...