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यूपी में दूसरे राज्यों से आते हैं 3.5 करोड़ अंडे, नियम न फॉलो हों तो क्या है इसका नुकसान

Central government seeks suggestions from poultry farmers to increase export of chicken-eggs, read details
प्रतीकात्मक फोटो. Live stock animal news

नई दिल्ली. अंडे एक जगह से दूसरी जगह यानी एक शहर से दूसरे शहर ले जाने के लिए नियम है, कि किस तरह अंडे ले जाए जा सकते हैं. इतना ही नहीं कोल्ड स्टोरेज में भी अंडे रखने का भी नियम है. बिना नियम मानें न तो अंडे भेज जा सकते हैं और न ही कोल्ड स्टोरेज में रखा जा सकता है. यूपी में ये नियम तीन महीने तक तो चले लेकिन फिर इसे ताक पर रख दिया गया. पहले सड़क और कोल्ड स्टोरेज में चेकिंग होती थी लेकिन अब ये बंद कर दी गई है. जबकि पशुपालन विभाग के अफसरों से लेकर पुलिस तक को अंडे जांचने की जिम्मेदारी थी.

गौरतलब है कि अंडों का सीजन ठंड की आमद से पहले यानि अक्टूबर से शुरू हो जाता है. ऐसे में इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है कि है कि नियमों का ताक पर रखकर दूसरे राज्यों से उत्तर प्रदेश में अंडे लाए जाएंगे. पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि यूपी में हर दिन करीब पांच करोड़ अंडों की जरूरत पड़ती है. जबकि यूपी में रोजाना डेढ़ से पौने दो करोड़ अंडों का ही उत्पादन किया जाता है. वहीं लगभग 3.5 करोड़ अंडा बाहर से यानि दूसरे राज्यों से मंगवाना पड़ता है. ऐसे में यूपी के पोल्ट्री फार्मर यूपी में दोबारा से न्यू़ ऐग पॉलिसी लागू करने की वकालत कर रहे हैं. ताकि अंडों को ट्रांसपोर्ट और स्टोर करने के संबंध में कोल्ड चैन नियमों का पालन हो.

क्या था ट्रांसपोर्ट करने का नियम

गौरतलब है कि सरकार की ओर जारी की गई गाइड लाइन के मुताबिक नियम यह है कि अंडों से भरी गाड़ियां जो 150 किलोमीटर से दूर से आती हैं वो एसी गाड़ी में आएगी. जबकि यूपी के बाहर से आने वाली गाड़ियां 200 किमी दूरी तय करती हैं. जबकि यूपी के अंदर भी अगर कोई गाड़ी नोएडा से लखनऊ तक आती है तो अंडे की गाड़ी की दूरी 200 किलोमीटर से ज्यादा हो जाती है. वैसे देखा जाए तो यूपी सरकार ने 15 अप्रैल को न्यू‍ ऐग पॉलिसी लागू की थी लेकिन जुलाई में इस पर ये कहकर रोक लगा दी गई कि इसका रिव्यू किया जाएगा.

क्या था कोल्ड स्टोरेज में रखने का नियम
बाजार से खरीदकर खाया जा रहा अंडा खराब है या अभी खाने योग्य है इसका पता लगाना कभी भी आसान नहीं था. वहीं नई एग पॉलिसी में
सरकार ने इसकी भी व्यवस्था की है कि अंडे की जानकारी जनता को मिल सके. पॉलिसी के मुतबिक पोल्ट्री संचालक को अंडा पोल्ट्री से बाहर भेजने से पहले उस पर कई तरह की जानकारी न मिटने वाली स्याही से या स्टिकर लगाना होगा. मुर्गी ने किस दिन अंडा दिया, कहां पर दिया, पता पिनकोड के साथ भी बताने का नियम है. इतना ही नहीं यह पूरी जानकारी अंडे की ट्रे पर भी स्टिकर लगाकर देनी की बात कही गई.

वहीं कोल्ड में अंडे रखने के लिए अलग चैम्बर बनाने की बात कहीगई थी. वहीं अंडे वाले चैम्बर का तापमान चार से सात डिग्री तक ही होना चाहिए. अंडे के चैम्बर की आर्दता 75 से 80 होगी. अंडों को ज्यादा से ज्यादा तीन महीने ही कोल्ड में रखा जाएगा. एक बार कोल्ड से निकले अंडे दोबारा कोल्ड में नहीं रखे जाएंगे. वहीं अंडों को कोल्ड स्टोरेज में सब्जी और फलों के साथ नहीं रखा जाना चाहिए. जबकि कोल्ड में रखे अंडे की जानकारी स्टोर स्वामी को सरकार से साझा करने का नियम था. कोल्ड में रखने से पहले अंडों पर मिनरल आयल या लिक्विड पैराफीन का स्प्रे करना होगा.

अब यूपी में पोल्ट्री एक्सापर्ट के मुताबिक यूपी को सर्दी के सीजन में हर रोज करीब पांच से 5.5 करोड़ अंडा की डिमांड है. वहीं ऑफ सीजन में ये डिमांड घटकर तीन से 3.5 करोड़ पर लुढ़क जाती है. जबकि यूपी में अंडा उत्पादन 1.50 करोड़ से लेकर 1.70 करोड़ तक ही होता है. हालांकि बीच-बीच में अंडे का उत्पा्दन दो करोड़ भी पहुंच जाता है. ऐसे में जब अंडे की कमी होती है तो ट्रेडर्स बरवाला, हरियाणा के अलावा तेलंगाना, आंध्रा प्रदेश, चैन्नई और बंगाल आदि से अंडा मंगाकर डिमांड को पूरा किया जाता है.

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