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यूपी के अंडा कारोबारी क्यों लगाते हैं हरियाणा के कारोबारियों पर आरोप, किस बात को लेकर उलझा रहता है मामला

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश और हरियाणा दोनों ही जगहों पर बीजेपी की सरकार है ये दोनों ही राज्य के अंडा कारोबारी अक्सर आमने-सामने आ जाते हैं. हरियाणा के पोल्ट्री कारोबारी तो खुलकर सामने नहीं आते दिखाई दे रहे हैं लेकिन यूपी के पोल्ट्री फार्मर खुलकर हरियाणा पर आरोप लगा रहे हैं. यूपी के फॉर्मर्स का कहना है कि इस लड़ाई में पर्दे के पीछे हरियाणा का ही रोल है. एक आंकड़े के मुताबिक उत्तर प्रदेश में ​हर दिन करीब पांच करोड़ अंडों की खपत होती है. जबकि उत्तर प्रदेश में हर दिन पौने दो करोड़ अंडों का ही उत्पादन किया जाता है. जबकि 3.5 करोड़ अंडा दूसरे राज्यों से लाना पड़ता है. इस को लेकर यूपी और हरियाणा में ऐग वॉर चल रहा है.

वहीं यूपी के पोल्ट्री फार्मर यूपी में दोबारा से न्यू़ ऐग पॉलिसी लागू करने की मांग उठा रहे हैं. जिसपर जुलाई में यूपी सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी. वहीं इस पूरे ममाले में एक पहलू ये भी है कि यूपी अपनी जरूरत के मुताबिक भी अंडा और मुर्गे का उत्पादन नहीं कर पा रहा है. यही वजह है कि यूपी में दूसरे राज्यों से अंडा और बॉयलर मुर्गा खरीदना होता है. जबकि यूपी सरकार ने अंडा और बॉयलर मुर्गे का प्रोडक्शन और दूसरे राज्यों पर निर्भरता खत्म करने के लिए कुक्कुट नीति 2022 जारी की थी.

अब यूपी में यूपी अंडों के उत्पादन की बात की जाए तो पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली ने बताया कि यूपी को सर्दी के सीजन में हर रोज करीब 5 से 5.5 करोड़ अंडे की जरूरत होती है. जबकि ऑफ सीजन यानि गर्मी में ये डिमांड 3 से 3.5 करोड़ हो जाती है. फिलहाल यूपी में अंडा उत्पादन 1.50 करोड़ से लेकर 1.70 करोड़ तक ही हो पाता है. हालांकि बीच-बीच में अंडे का उत्पा्दन 2 करोड़ तक भी पहुंच जाता है. लेकिन ये सिर्फ और सिर्फ नए पोल्ट्री फॉर्म के खुलने से होता है. जब फॉर्मर्स को नुकसान होता है तो एक-दो सीजन के बाद अंडे वो पोल्ट्री फॉर्म को बंद कर देते हैं. जब जरूरत होती है तो बरवाला, हरियाणा के अलावा तेलंगाना, आंध्रा प्रदेश, चैन्नई और बंगाल आदि से अंडा मंगाया जाता है.

कुक्कुट विकास समिति, यूपी के अध्यक्ष वीपी सिंह ने बताया कि ‘अप्रैल में यूपी सरकार ने न्यू ऐग पॉलिसी लागू करते हुए कहा था कि नियम में ये था कि अंडे को पोल्ट्री फार्म से बाजार में सीधे सप्लाई करना था. नियम भी था कि अंडे से लदी गाड़ी 150 किमी से ज्यादा दूरी तय करती है तो उस गाड़ी में एसी लगना होना चाहिए. जबकि कोल्ड स्टोरेज में भी अंडों के रखने के नियम थे. हालांकि इस नियम को सिर्फ कुछ ही दिन लागू किया गया. जबकि पॉलिसी को हटाने का फैसला यूपी सरकार ने ले लिया. जिसे फिर से लागू करने की मांग यूपी के एग फॉर्मर्स कर रहे हैं.

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