Home लेटेस्ट न्यूज Wildlife SOS: सर्दी से बचाने को हाथी और भालुओं के लिए क्या होता है खास इंतज़ाम!
लेटेस्ट न्यूज

Wildlife SOS: सर्दी से बचाने को हाथी और भालुओं के लिए क्या होता है खास इंतज़ाम!

Wildlife SOS, Elephants, Bears, Wildlife Conservation Society, Animal Husbandry, livestockanimalnews
आगरा के रेस्क्यू सेंटर में हाथी और भालू.

आगरा. जैसे-जैसे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड बढ़ रही है. वन्यजीव संरक्षण संस्था-वाइल्डलाइफ एसओएस, आगरा और मथुरा में अपने संरक्षण केंद्रों में बचाए गए हाथियों और भालुओं की सुरक्षा के लिए अपने समर्पित प्रयासों को जारी रखे हुए है. मथुरा में हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में, बचाए गए हाथियों, जिनमें से प्रत्येक का शोषण का दुखद इतिहास रहा है, उनको विशेष देखभाल मिल रही है. इन हाथियों को ठंडी हवाओं से बचाने के लिए ऊनी कंबल उपलब्ध कराए गए हैं, खासकर ठंडी रातों के दौरान.

सर्दियों के दौरान वृद्ध हाथियों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, आहार में गुड़, मूंगफली, तिल का तेल और देसी मसालों का उपयोग करके उनके खाने में एक मिश्रण शामिल किया गया है, जो शरीर में आवश्यक गर्मी पैदा करने में सहायता करता है. इसके अतिरिक्त, उनके बाड़ों में हैलोजन लैंप भी लगाए गए हैं, जो उन्हें रात के दौरान कम तापमान और ठंडी हवाओं से बचाते हैं.

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “सर्दियों के दौरान हमारे हाथियों, विशेष रूप से वृद्ध हाथियों को आरामदायक सहायता प्रदान करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे मौसम में बदलाव के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, जिससे उन्हें न्यूमोनिया जैसी बीमारियाँ भी हो सकती हैं. ठंड से उनका गठिया रोग भी बढ़ जाता है, जो कैप्टिव हाथियों में होने वाली एक आम समस्या है.”

वाइल्डलाइफ एसओएस आगरा में दुनिया का सबसे बड़ा स्लॉथ भालू का संरक्षण केंद्र भी संचालित करता है. क्रूर ‘डांसिंग’ भालू व्यापार के शिकार इन भालूओं को अब विशेष शीतकालीन आहार प्रदान किया जा रहा है, जिसमें गर्म दलिया, मुरमुरे और गुड़ शामिल है, जिसका उद्देश्य शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ावा देना और शरीर में गर्मी पैदा करना है. यह दलिया अलग-अलग तरीके के आंटों से बनता है – रागी, बाजरा, चना आदि और इसमें सर्दियों के दौरान बाजरे के आंटे की मात्रा बढ़ा दी जाती है, जिससे शरीर का तापमान बढ़ सके, इसी के साथ ही हर भालू को दलिया में उबले अंडे भी दिए जाते हैं.

भालू अपना अधिकांश समय ताजी खोदे गए मिट्टी के गड्ढों या झूले में सर्दियों की गर्म धूप का आनंद लेते हुए बिताते हैं. वृद्ध भालूओं के लिए, बाड़ों को तिरपाल की चादरों से ढका जाता है, और उनके लिए ऊनी कंबल, सूखी घास या भूसे के साथ गर्म बिस्तर भी तैयार किया जाता है, और उनके कमरों के अंदर हैलोजन लैंप और हीटर भी लगाए जाते है.

वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी ने कहा, “यह समझते हुए कि सर्दियों की देखभाल में भालुओं की प्रतिरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है, पशु चिकित्सा टीम ने लिवर टॉनिक, विटामिन और प्रोटीन जैसे फ़ीड एडिटिव्स उनके खाने में जोड़ दिए हैं.”

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

लेटेस्ट न्यूज

Innovation: कृषि प्रर्दशनी में किसानों के साथ आम लोग भी नई तकनीक से होंगे रूबरू, जानें क्या-क्या है इसमें खास

नई दिल्ली. हरियाणा के सिरसा रोड स्थित उत्तरी क्षेत्र कृषि मशीनरी ट्रेनिंग...

लेटेस्ट न्यूज

Organic Farming: ताइवन में गाय-भैंस के गोबर से नहीं, इस तरह से होगी आर्गेनिक खेती

गोवंश और महेशवंशी यानी गाय और भैंस नहीं है. जैविक खेती के...