नई दिल्ली. हर बकरी पलक यह चाहता है कि उसके बाड़े में मौजूद बकरी ज्यादा दूध देने वाली और ज्यादा वजन वाली हो. अगर ऐसा है तो पशु पालकों को इससे दोहरा फायदा होता है. गोट एक्सपर्ट्स मानते हैं कि ज्यादा दूध देने वाली बकरियां और वजनदार बकरों की नस्ल बढ़ाना कोई मुश्किल काम नहीं है. बस जरूरी यह है की बकरियों को गाभिन करते वक्त हम थोड़ा सा ध्यान दें. ध्यान इस बात का रखना है कि बकरी बकरियों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर लें. खासतौर पर उस बकरे के बारे में जानकारी जरुर कर लें जिससे बकरी को गाभिन करना है. यहां समझने वाली बात यह है कि ब्रीडर बकरे का फैमिली बैकग्राउंड जरूर देखना चाहिए. क्योंकि यह वही मौका होता है जब थोड़ी सी मेहनत और 100 200 रुपये ज्यादा खर्च करके हमारे फार्म में मौजूद बकरी बकरियों की नस्ल अच्छी हो जाती है.
इन चीजों पर करें गौर
इस संबंध में एक्सपर्ट एमके सिंह कहते हैं कि ब्रीडर बकरे की फैमिली देखने से मतलब ये है कि ब्रीडर की मां है वह दूध कितना देती है. उस बकरी से एक बार में कितने बच्चे पैदा होते हैं. इतना ही नहीं जब ब्रीडर पैदा हुआ था तो उस वक्त कितने बच्चे दिए थे. ब्रीडर के पिता की हाइट कितनी थी. पिता की ग्रोथ रेट कैसी थी. ब्रीडर के दूसरे भाई बहन कैसे थे. उन्होंने बताया कि एक जरूरी टिप्स यह है कि बकरी को क्रॉस कराने ले जाने से पहले ब्रीडर की हेल्थ को जरूर जांच लें.
35 से 40 किलो होना चाहिए वजन
कहीं उसे कोई अंदरूनी बीमारी तो नहीं है. यह पता करना इतना आसान भी नहीं है लेकिन ब्रीडर फुर्तीला है या नहीं यह जरूर चेक किया जा सकता है. इससे उसके फिट होने का अंदाजा लग जाएगा. उसकी उम्र एक डेढ़ साल है तो उसका वजन उम्र के मुताबिक 35 से 40 किलो होना चाहिए. साथ ही क्रॉस करने के दौरान इस बात कभी ख्याल रखना चाहिए कि ब्रीडर बकरे में और गाभिन होने वाली बकरी में किसी भी तरह का ब्लड रिलेशन न हो वरना इससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
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