नई दिल्ली. गोकुल डेयरी के नाम से मशहूर कोल्हापुर जिला दूध उत्पादन के मामले में रोजाना 17.5 लाख लीटर का आंकड़ा पार कर चुका है. दूध उत्पादक संघ द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक हर दिन जितना दूध इकट्ठा हो रहा था, उसमें 6 लाख लीटर दूध में वृद्धि हुई है. संघ चेयरमैन अरुण डोंगले ने बताया कि महाराष्ट्र की सबसे बड़ी सहकारी डेयरी गोकुल ने अब 2025 तक दूध के दैनिक संग्रह को 20 लाख लीटर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि डेयरी किसानों को प्रोत्साहित करके ये वृद्धि हासिल की गई है. गुजरात की अमूल और कर्नाटक की नंदिनी जैसी बड़ी डेयरी के साथ प्रतिस्पर्धा करके नहीं. गोकुल डेयरी कोल्हापुर जिले तक सीमित है. जबकि अमूल और नंदिनी अपने-अपने राज्यों में कई जिला स्तरीय डेयरी का संघ हैं. हमें नहीं लगता कि यह डेयरियां हमारी प्रतिस्पर्धी हैं. भले ही वह हमेशा मुंबई और पुणे जैसे प्रमुख बाजारों से गोकुल को प्रतिस्थापित करने का प्रयास करती हैं.
खोले जाएंगे गोकुल आउटलेट
चेयरमैन ने दूध और उनके द्वारा निर्मित उत्पादों की गुणवत्ता में स्थिरता बनाए रखने का जिक्र किया. कहा कि फरवरी में एक और उत्पाद लांच करने जा रहे हैं. साथ ही हम अन्य प्रमुख बाजारों में गोकुल आउटलेट बढ़ाने की योजना पर भी काम कर रहे हैं. ताकि या सुरक्षित किया जा सके कि हम जो दूध एकत्रित कर रहे हैं, वह ग्राहकों तक पहुंच सके. मुंबई में आधा लीटर और 1 लीटर के पाउच में लगभग 12 लाख लीटर दूध की आपूर्ति की जाती है.
किसानों की की जा रही है मदद
कहा कि गोकुल डेयरी ने उत्पादन बढ़ाने और रियायती दरों पर अच्छी नस्ल की गाय और भैंस की उपलब्धता के लिए किसानों को प्रशिक्षण देना शुरू किया है. उन्होंने बताया कि डेयरी के पास मवेशियों का चारा तैयार करने का अपना प्लांट भी है. किसानों की बढ़ती जरूरत को पूरा करने के लिए चारे की क्षमता भी बढ़ाई गई है. पिछले 3 वर्षों से हम डेयरी व्यवस्था में 5000 किसानों को जोड़ रहे हैं. उन्हें अपना व्यवसाय स्थापित करने और बढ़ाने के लिए मदद भी कर रहे हैं. गोकुल एक मात्र सहकारी डेयरी है जो दूध की आपूर्ति करने वाले किसानों को सबसे अधिक कीमत देती है.
Leave a comment