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Dairy: इस तरह का आहार देने से पशु की बढ़ जाती है दूध उत्पादन क्षमता, जानें और क्या-क्या फायदे हैं

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प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. पशुपालन में दूध उत्पादन ही पशुपालकों की कमाई का प्रमुख जरिया होता है. अगर दूध उत्पादन कम होता है तो इससे पशुपालक को फायदा नहीं होता, उल्टा उसे नुकसान होने लगता है. डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो किसी भी पशुधन से ज्यादा उत्पादन लेने के लिए उसे संतुलित आहार देना बहुत ही जरूरी है. ऐसे भी डेयरी व्यवसाय में सबसे ज्यादा खर्च तकरीबन 70 से 75 फीसदी, पशुओं के आहार पर ही होता है. इसलिए यह भी जरूरी है कि पशुओं को ऐसा फीड खिलाया जाए, जिससे वह ज्यादा से ज्यादा दूध उत्पादन करें और जिससे डेयरी व्यवसाय में फायदा मिले.

एनिमल एक्सपर्ट डॉ. इब्ने अली पशुओं को संतुलित आहार खिलाने की बात कहते हैं. उनका कहना है कि संतुलित आहार पशुओं की तमाम शारीरिक जरूरत के हिसाब से बनाए जाने वाला आहार कहलाता है. जिसे पशुओं को उत्पादकता और प्रजनन क्षमता को ध्यान में रखकर बनाया जाता है. अच्छा पोषण पशुओं की उत्पादन क्षमता रोग प्रतिरोधक क्षमता वह भार में इजाफा करने के लिए जरूरी है. आपको यहां बताते चलें कि संतुलित आहार के खास तौर पर तीन प्रमुख तत्व होते हैं.

प्रोटीन वह पदार्थ है जो शरीर के टिश्यू के निर्माण के लिए बेहद जरूरी होता है. साथ ही पशुओं की उत्पादक क्षमता को बढ़ाता है. शारीरिक जरूरत व वजन में वृद्धि करता है. प्रोटीन के लिए पशुओं को जैसे सोयाबीन की खली, बिनौला खली दिया जाना चाहिए.

कार्बोहाइड्रेट तीन तरह के होते हैं. शूगर, स्टार्च और रेशायुक्त. शूगर और स्टार्च पशु द्वारा पचाए जा सकते हैं, लेकिन रेशायुक्त कार्बोहाइड्रेट जानवरों के रूमेन में पाये जाने वाले तमाम तरह की बैक्टीरिया द्वारा पचाया जाता है. यह बैक्टीरिया रूमेन में सिमबोसिस के रूप में रहते हैं.

खनिज और विटामिन ऐसे पदार्थ हैं, जिनकी जानवरों को कम मात्रा में जरूरत होती है लेकिन जरूरी कामों को पूरा करने के लिए बेहद जरूरी होते हैं.

संतुलित आहार की जरूरत क्यों है
संतुलित आहार से पशु की प्रजनन क्षमता में सुधार होता है. पशुओं को एंटीऑक्सीडेंट और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है. पशुओं की उत्पादन क्षमता में सुधार होता है. दूध उत्पादन, शारीरिक विकास में भी वृद्धि करने में भी ये मदगार होता है. डेयरी प्रोडक्ट की गुणवत्ता में से सुधार करता है. वहीं पशु की मांस की गुणवत्ता में भी सुधार करता है. चारे की लागत को यह काम करता है. इससे पशुपालन में फायदा बढ़ जाता है. एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि इसलिए पशुओं के लिए संतुलित आहार बेहद ही जरूरी है. तभी डेयरी व्यवसाय में सफलता मिलेगी.

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