Home पशुपालन Animal Husbandry: अगर भैंस से लेना है अच्छा और हेल्छी बछड़ा, यहां जानिए कैसा दें आहार
पशुपालन

Animal Husbandry: अगर भैंस से लेना है अच्छा और हेल्छी बछड़ा, यहां जानिए कैसा दें आहार

animal husbandry
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. कोई भी पशु हो उसे संतुलित आहार यानि तमाम जरूरी पोषक तत्व वाला भोजना देना होता है. यदि ऐसा न किया गया तो उसकी जरूरत पूरी नहीं होगी और इसका असर प्रोडक्शन पर दिखाई देगी. बात भैंस की जाए तो उसे भी अन्य पशुओं की तरह 24 घन्टे की निर्धारित समय में पौषक तत्व की जरूरत की पूर्ति करना होता है. इस जरूरी भोजन में कार्बन, वसा और प्रोटीन के आपसी विशेष अनुपात के लिए कहा गया है. भोजन को मौसम और पशु भार तथा उसकी उत्पादन क्षमता के अनुसार रखा जाता है.

‘एक भैंस 24 घंटे में जितने खाने की जरूरत होती है उसे राशन भी कहते हैं. डेयरी राशन या तो संतुलित होगा या असंतुलित होगा. असंतुलित राशन वह होता है जोकि भैंस को 24 घंटे में जितने पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है वह उसे पशुपालक नहीं दे पाते हैं. जबकि संतुलित राशन में भैंस को ‘ठीक’ समय पर ‘ठीक’ मात्रा में पोषक तत्व दिया जाता है. संतुलित आहार में प्रोटीन, कार्बोहाड्रेट, मिनरल्स तथा विटामिनों की मात्रा पशु की आवश्यकता अनुसार उचित मात्रा में रखी जाती है.

10 से 12 किलोग्राम सूखा चारा देंः भैंस को जो आहार खिलाया जाता है, उसमें यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि उसे जरूरत के अनुसार शुष्क पदार्थ, पाचक प्रोटीन तथा कुल पाचक तत्व उपलब्ध हो सकें. भैंस में सूखी सामग्री की खपत प्रतिदिन 2.5 से 3.0 किलोग्राम प्रति 100 किलोग्राम शरीर भार के अनुसार होती है. इसका मतलब यह हुआ कि 400 किलोग्राम वजन की भैंस को रोजाना 10-12 किलोग्राम सूखी सामग्री की आवश्यकता पड़ती है. इस सूखी सामग्री को हम चारे और दाने में बांटे तो सूखी सामग्री का लगभग एक तिहाही हिस्सा दाने के रूप में खिलाना चाहिए.

एक साथ मिलाकर खिलाएं चाराः उत्पादन व अन्य आवश्यकताओं के अनुसार जब हम पाचक प्रोटीन और कुल पाचक तत्वों की मात्रा निकालते हैं तो यह गणना काफी कठिन हो जाती है. इसका एक प्रमुख कारण यह है कि जो चारा पशु को खिलाया जाता है उसमें पाचक प्रोटीन और कुल पाचक तत्वों की मात्रा ज्ञात करना किसान के लिए लगभग असंभव है. ऐसा इसलिए है कि पाचक प्रोटीन और कुल पाचक तत्वों की मात्रा प्रत्येक चारे के लिए अलग होती है. भैंस की उम्र/परिपक्वता के अनुसार बदल जाती है. अनेक बार उपलब्धता के आधार पर कई प्रकार का चारा एक साथ मिलाकर खिलाना पड़ता है.

इस तरह दिया जाता है संतुलित भोजनः किसान चारे को कभी भी तोलकर नहीं खिलाता है. इन परिस्थितियों में सबसे आसान तरीका यह है कि किसान द्वारा खिलाये जाने वाले चारे की गणना यह मान कर की जाये की पशु को चारा भरपेट मिलता रहे. अब पशु की जरूरत के अनुसार पाचक प्रोटीन और कुल पाचक तत्वों में कमी की मात्रा को दाना मिश्रण देकर पूरा कर दिया जाता ह.। इस प्रकार भैंस को खिलाया गया आहार संतुलित हो जाता है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

livestock animal news
पशुपालन

Animal Husbandry: अलग-अलग फार्म से खरीदें पशु या फिर एक जगह से, जानें यहां

फार्मों में अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए संक्रमण के प्रवेश...

livestock animal news
पशुपालन

Milk Production: ज्यादा दूध देने वाली गायों को हीट से होती है परेशानी, जानें क्या है इसका इलाज

उच्च गुणवत्ता-युक्त अधिक दूध प्राप्त होता है, लेकिन ज्यादा तापमान युक्त हवा...

ब्रुसेलोसिस ब्रुसेला बैक्टीरिया के कारण होता है जो मुख्य रूप से पशुधन (जैसे गाय, भेड़, बकरी) में पाए जाते हैं.
पशुपालन

Animal Husbandry: बरसात में पशुओं को इस तरह खिलाएं हरा चारा, ये अहम टिप्स भी पढ़ें

बारिश के सीजन में पशुओं को चारा नुकसान भी कर सकता है....

पशुपालन

CM Yogi बोले- IVRI की वैक्सीन ने UP में पशुओं को लंपी रोग से बचाया, 24 को मिला मेडल, 576 को डिग्री

प्रदेश सरकार के साथ मिलकर 2 लाख से अधिक कोविड जांच करवाईं....