नई दिल्ली. गर्मी का सीजन आते ही ऐसे पेय पदार्थ जो शरीर को ठंडा रखते हैं और गले को भी तर करते हैं उसकी मांग बढ़ जाती है. वहीं जैसे-जैसे पारा बढ़ रहा है, कल्याण कर्नाटक जिलों में नंदिनी छाछ की मांग में इजाफा दर्ज किया जा रहा है. दरअसल, इस छाछ को लोग इसे ठंडे पानी, नारियल और जूस के साथ गर्मी से राहत पाने के लिए इस्तेमाल में लाते हैं. कोल्ड ड्रिंक और अन्य पेय केमिकल वाले पेय पदार्थों के मुकाबले छाछ को बेहतर आप्शन माना जाता है.
इस वजह से गर्मियों में इसकी अच्छी खपत हो जाती है. यही वजह है कि कल्याण कर्नाटक में नंदिनी छाछ की मांग आसमान छू रही है. कालाबुरागी, बीदर और यादगीर जिलों से संकलित कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी महीने में प्रति दिन 1,243 लीटर छाछ की मांग थी, लेकिन मार्च के महीने में यह बढ़कर 4,615 लीटर प्रति दिन से अधिक हो गई.
हर दिन बढ़ रही है डिमांड
कहा जा रहा है कि अप्रैल और मई में इसमें बढ़ोतरी भी हो सकती है. गौरतलब है कि अभी, 200 मिलीलीटर छाछ के पैकेट लोग गटक रहे हैं. जबकि फरवरी में प्रतिदिन कुल 6,215 पैकेट की बिक्री हो रही थी. वहीं मार्च में बढ़कर 23,075 पैकेट प्रतिदिन हो गई है. वहीं केएमएफ के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2023 की तुलना में मार्च 2024 में छाछ की मांग 200% तक बढ़ गई है और मार्च 2023 में छाछ की मांग 2,830 लीटर प्रति दिन थी.
10 हजार लीटर के पार हुई मांग
इस गर्मी में छाछ के साथ-साथ दही की मांग भी बढ़ गई है. फरवरी 2024 में मांग 9,618 लीटर प्रतिदिन थी, जो 20 मार्च 2024 तक 10,821 लीटर प्रतिदिन हो गई. कालाबुरागी, बीदर और यादगीर मिल्क फेडरेशन के प्रबंध निदेशक पांडुरंग पाटिल के एक अखबार को दिए गए बयान के मुताबिक नंदिनी छाछ का स्वाद घर पर बनी छाछ जैसा है, यही वजह है कि लोग इस गर्मी में इसे पसंद कर रहे हैं.
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