नई दिल्ली. देश में बड़ी संख्या में गाय का पालन किया जाता है. देश के बहुसंख्यों के लिए गाय आस्था भी विषय है. इसलिए भी बहुत से किसान इसे पालते हैं. हालांकि देश में गाय का पालन ज्यादातर दूध के लिए किया जाता है. अक्सर डॉक्टर गाय के दूध को खासतौर पर बच्चों के लिए बहुत ही स्पेशल बताते हैं. जबकि कई रिसर्च में ये साबित हो चुका है कि गाय के दूध में कई तरह की बेहतरीन क्वालिटी होती है. इस वजह से भी गाय पालन देश में किया जाता है और पशुपालक इससे खूब पैसा भी बनाते हैं. आमतौर पर गाय का दूध 50 से 60 रुपये लीटर बिक जाता है.
अगर गाय को पालना चाहते हैं तो कई बातों का ध्यान देना जरूरी होता है. पशुपालक को अपने पशु के प्रजनन के बारे में भी जानकारी होना चाहिए. मसलन, अगर गाय गाभिन है तो उसे कितना चारा चाहिए? ताकि उसकी ज़रूरतें पूरी हो सकें. उन्हें कितना पानी देने की आवश्यकता है. इन तमाम बातों का जानना भी जरूरी है. इसके अलावा प्रजनन से पहले भी कुछ बातों का ख्याल करना होता है. मसलन गाय को कैसे और कब गाभिन कराना चाहिए.
तभी मिलेगा ज्यादा दूध
लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विवि की ओर से जारी कलेंडर किए गए कलेंडर और एक्सपर्ट के मुताबिक अगर पशुपालकों को गाय के प्रजनन से जुड़ी जानकारी होगी तो इससे भैंस से जो बछड़ा प्राप्त होगा वह स्वस्थ होगा और इसके बाद गाय अच्छी मात्रा में दूध भी देगी. वहीं जानकारी के अभाव में कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं. इस आर्टिकल में हम आपको 8 पॉइंट में यह बताने वाले हैं कि प्रजनन के दौरान गाय का किस तरह से ख्याल रखा जाना चाहिए.
- पहले प्रजनन के समय पशु का शारीरिक वजन उसके व्यस्क शारीरिक वजन का 60-70 प्रतिशत होना चाहिए.
- साधारणतः गाय हर 21 वें (18-24) दिन गर्मी में आती है.
- अधिकांश पशु (60-70 प्रतिशत) गर्मी में सांय 6 बजे से प्रातः 6 बजे के बीच आते हैं इसलिए पशुपालक को पशुओं को गर्मी में देखने के लिए कम से कम 24 घंटों में 3-4 बार जाँच जरूर करनी चाहिए.
- गाय को कृत्रिम गर्भाधान या उच्च कोटि के सांड से गाभिन कराना चाहिए. जिसका फायदा पशुपालकों को मिलता है.
- गर्भाधान से 2-3 महीनों के बाद गर्भावस्था की जांच अवश्य करवायें. ताकि मालूम हो जाए कि बच्च स्वस्थ है कि नहीं.
- गाय में गर्भावस्था लगभग 270 दिन (261-279) की होती है.
- संतुलित आहार हमेशा ही जरूरी होता है. पशु समय से गर्म तथा गर्भित हो इसके लिए उसे संतुलित आहार देना चाहिए. इसमें खनिज मिश्रण का विशेष महत्त्व है.
- ब्याने से अनुमानित तिथि में कम से कम दो महीने पहले ही दूध दोहना बंद कर दें ताकि अगले ब्यांत में दूध उत्पादन की वृद्धि व बछड़े-बछड़ी का सही विकास हो सके.
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