Home मीट Meat: क्वालिटी और क्लीन मीट के प्रोडक्शन में इन 5 फैक्टर का है अहम रोल, पढ़ें यहां
मीट

Meat: क्वालिटी और क्लीन मीट के प्रोडक्शन में इन 5 फैक्टर का है अहम रोल, पढ़ें यहां

red meat
रेड मीट की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मीट उत्पादन तेजी के साथ बढ़ रहा है. युवाओं में जागरुकता बढ़ी है, इस वजह से इसके सेवन करने वालों की संख्या भी दिन ब दिन बढ़ रही है. जबकि इसकी क्वालिटी को लेकर भी लोगों में जागरुकता देखने को मिली है. वहीं दूसरे देशों में एक्सपोर्ट किए जा रहे मीट का कनसाइनमेंट वापस न आए, इसलिए भी जरूरी है कि जितना भी मीट का प्रोडक्शन हो रहा है वो क्वालिटी से भरपूर रहे. साफ-सफाई के साथ-साथ जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए.

एक्सपर्ट कहते हैं कि क्वालिटी और क्लीन मीट के प्रोडक्शन में पांच फैक्टर कारक होते हैं. इसमें पशु का स्वास्थ्य, कार्मिक आदत, पानी की गुणवत्ता, कीट नियंत्रण और सफाई व सेनीटेशन. अगर मीट प्रोडक्शन में इन बातों का ध्यान रख दिया जाए तो फिर कोई मसला नहीं है. आइए इसके बारे में जानते हैं.

पशु स्वास्थ्य
एक्सपर्ट कहते हैं कि पशु स्वस्थ बहुत ही जरूरी है. अगर पशु हेल्दी रहेगा तो मांस की गुणवत्ता भी अच्छी होगी. मांस का उत्पादन करने के लिए खाद्य उद्देश्य के लिए आने वाले या पाले गए पशु को किसी भी प्रकार की बीमारियों, असामान्यताओं से मुक्त और स्वस्थ होना चाहिए. इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

कार्मिक आदत क्या है
मांस संयंत्र में कार्यरत कार्मिक गंदे सुरक्षात्मक कपड़ों, गंदे हाथ, बाल, आभूषण, छींक, खांसी, कटने और घावों आदि के माध्यम से संदूषण के सबसे बड़े स्रोतों में से एक हैं. मीट प्लांट का कुशल संचालन काफी हद तक इसके कर्मियों की स्वास्थ पर निर्भर करता हैं. स्वच्छता मानकों को बढ़ाने और पशुजन्य रोगों की शुरुआत को रोकने में वध कर्मियों का स्वास्थ्य मानक बहुत महत्वपूर्ण हैं. कार्य के उपरांत गंदे कपड़ों को लॉकर्स में नहीं रखा जाना चाहिए बल्कि कपड़े धुलने के लिए भेजना चाहिए. पुरुष कर्मियों के शौचालय कक्षों में मूत्रालय स्थापित होना चाहिए. सभी संयंत्र कर्मियों को स्वच्छता पर प्रशिक्षित किया जाना चाहिये और उचित स्वच्छ सुरक्षात्मक वस्त्र प्रदान किया जाना चाहिए. हाथ धोने की सुविधाएं उत्पादन स्टेशनों और प्रवेश द्वारों के पास स्थित होनी चाहिए.

पानी की गुणवत्ता
संयंत्र के सभी हिस्सों में पानी को पर्याप्त दबाव में वितरित किया जाना चाहिए, और यह मुख्य पाइपलाइन कम से कम 20 पीएसआई होनी चाहिए. क्योंकि पानी से ही साफ-सफाई का काम होता है. पानी गुणवत्ता युक्त भी हो इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए. यदि ऐसा नहीं किया गया तो फिर मीट पर इसका असर पड़ेगा.

कीट नियंत्रण
पक्षियों, चूहों और कीड़ों जैसे मक्खियों और तिलचट्टों का मांस संयंत्र में प्रवेश गंभीर समस्या पैदा कर सकता हैं क्योंकि गंदगी के अलावा वे भोजन-विषाक्तता वाले जीवों, जोकि पशुजनित रोगों के लिये जिम्मेदार होते हैं, को ले जा सकते हैं. इनके नियंत्रण के लिए नियमित साफ-सफाई, कीटाणुशोधन और सावधानी पूर्वक प्रबंधन के अलावा हवा के पर्दे और धाराएं, जाल, चमकती रोशनी, पक्षी भागने वाले शोर, एंटी-पर्च जेल इत्यादि का उपयोग किया जा सकता हैं.

सफाई और सेनीटेशन
मांस प्लांट की सफाई एक कठिन काम है. केवल व्यवस्थित प्रक्रियाओं से ही एक सतत स्वच्छ संयंत्र को बनाए रखा जा सकता हैं. सफाई अनुसूची एक कामकाजी संदर्भ दस्तावेज हैं जो संयंत्र में सभी सफाई और कीटाणुशोधन कार्यों के लिए मानकों, विधियों, आवृत्तियों और सामग्रियों को परिभाषित करता हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

mutton, livestock
मीट

Meat Production: मीट के लिए इन नस्लों के बकरों को पालें तो होगा मोटा मुनाफा, यहां पढ़ें डिटेल

किस मौसम में कौन सा बकरा कम लागत में बिना किसी परेशानी...

livestock animal news
मीट

Meat And Egg: जानें चिकन मीट और अंडे खाने के क्या-क्या हैं फायदे, पढ़ें इन दोनों प्रोडक्ट की क्वालिटी

आंतों और सांस लेने वाले सिस्टम सम्बंधी रोगों की रोकथाम में मदद...