नई दिल्ली. धीरे-धीरे गर्मी ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया। गांव में पशु पक्षियों के लिए सहारा सिर्फ तालाब है. यह तालाब भी सूखने लगे हैं. ग्रामीण क्षेत्र में कम रकवा वाले तालाबों का पानी सूख गया है. ऐसे में बूंद-बूंद पानी के लिए जानवर परेशान हैं. हर समय पानी रहने वाले अमृत सरोवरों में पानी न होने से पशु पंक्षी प्यास बुझाने के लिए व्याकुल हो रहे हैं. क्षेत्र के चार अमृत सरोवरों में सभी सूखे पड़े हैं. बाकी तालाबों पर सफाई कार्य तक नहीं कराया गया है.अभी तक सूखे हुए तालाबों के लिए कोई तैयारियां नहीं हो सकी है. जबकि सरकार की ओर से तालाबों के सौंदर्यकरण से लेकर उनकी साफ सफाई के लिए बहुत ही पैसा खर्च किया था.
देशभर में लाखों की संख्या में तालाब हैं. इन दिनों तालाबों की हालात खराब है. छोटे-छोटे रकवा के जो तलाब हैं उनमें पानी सूख गया है. गांव में पानी नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है. गांव में पशुओं को पानी पिलाने का साधन तालाब ही है. पशुओं के अलावा पक्षियों को भी तालबों के पानी से बहुत राहत मिलती है. शासन की ओर से तालाबों के सौंदर्यकरण के लिए हर बार पैसा दिया जाता है. बिना पानी के तालाब बेकार हो रहे हैं. अभी तक अप्रैल माह ही चल रहा है। मई और जून की गर्मी आने पर क्या हाल होगा.
मारहरा क्षेत्र के कुछ तालाबों में गंदगी तो कुछ पड़े सूखे
उत्तर प्रदेश के एटा जिले की मारहरा नगर पालिका क्षेत्र में जल संयचन योजना धरातल पर बड़े रूप में विकसित हो सके और पशु पंक्षियों की प्यास बुझाने के लिए तालाबों का जीणोद्धार किया गया था. ग्राम प्रधान और प्रशासन की बेरूखी अमृत सरोवरों पर भारी पड़ रही हैं. मारहरा के अमृत सरोवरों की पड़ताल में अवैध कब्जा एवं सफाई कार्य न कराने की बात सामने आई है. पंचायतों में तालाबों को अमृत सरोवर का नाम मिलने पर वाहवाही लूटने वाले ग्राम प्रधानों ने दो वर्ष पूर्व सफाई कार्य कराकर इति श्री कर ली. अमृत सरोवरों में झाडियां बन चुकी हैं.इसी तरह मोहनसती गांव में तालाब खतौनी अभिलेखों में दिखाई पड़ रहा है मौके पर बस्ती नजर आ रही है. हर समय पानी रहने वाले अमृत सरोवरों में पानी न होने से पशु पंक्षी प्यास बुझाने के लिए व्याकुल हो रहे हैं. क्षेत्र के चार अमृत सरोवरों में सभी सूखे पड़े हैं. बाकी तालाबों पर सफाई कार्य तक नहीं कराया गया है.
अलीगंज क्षेत्र के तालाब भी सूखे
ब्लॉक अलीगंज क्षेत्र के तालाबों का हाल भी कमोवेश यहीं हाल है. तालाबों में पानी ही नहीं है. तालाबों की बाउंड्री बॉल तो है. बैठने के लिए ब्रेंच भी, लेकिन इनमें पानी नहीं है. पानी भरने के लिए कोई ठोस इंतजाम भी नहीं कराए जा रहे है. क्षेत्र के गांव दहेलिया पूंठ, रामनगर, बिल्सड सहित करीब सात गांवों के तालाबों में पानी नहीं है. दहेलिया पूठ के प्रधान विष्णू मिश्रा कि पानी की व्यवस्था नहीं है. वोरिंग भी नहीं है. बोरिंग ना होने के कारण पानी नहीं भर पा रहे है। तालाब के जल भराव के लिए पैसा नहीं है.
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