नई दिल्ली. व्यवसायिक पोल्ट्री फार्मिंग में कूड़े के रखरखाव का अहम रोल है. हो सकता है आप सोच रहे हों कि ये कूडे का रखरखाव क्या है. आपको बता दें कि इसका बहुत फायदा भी मिलता है, पोल्ट्री फार्मिंग में. इसके जरिए मुर्गियों को विटामिन बी 12 की आपूर्ति होती है और कई अन्य भी फायदा पहुंचता है. इसलिए हमेशा ही पोल्ट्री फार्मिंग करने वालों को इसकी जानकारी रखनी चाहिए. अब आइए बताते हैं कि क्या है कूड़ का रखरखाव. दरअसल, इसे आम बोलचाल की भाषा में भूसे का बिस्तर कहा जा सकता है.
एक्स्पर्ट कहते हैं कि आमतौर पर, ग्रामीण कुक्कुट पालन में पक्षियों को भूसे के बिस्तर पर रखा जाता है. जमीन को विभिन्न प्रकार की पैडिंग सामग्रियों जैसे कटे हुए धान के भूसे या लकड़ी के बुरादे से 10 से 12 सेमी की गहराई तक ढक दिया जाता है. सामग्रियों जैसे चावल के छिलके, लकड़ी के बुरादे, सूखे पत्ते, कटे हुए भूसे, मूंगफली के छिलके इत्यादि को उनकी उपलब्धता के आधार पर कूड़े की सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
गर्मी ठंडक दोनों में पहुंचाता है फायदा
रोग को बढ़ावा देने वाले सूक्ष्मजीवों के इजाफा को रोकने के लिए कूड़े की सामग्री को शुष्क रखा जाता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि हमेशा ही पोल्ट्री संचालकों को इसे पर्याप्त वेंटीलेशन देते रहना चाहिए. पर्यावरण के तापमान, आर्द्रता, वेंटीलेशन, वेस्ट आर्द्रता की मात्रा, पानी की व्यवस्था की गुणवत्ता, आदि के आधार पर कूड़े को नियमित अंतराल पर हिलाना चाहिए. गर्म जलवायु में कूड़े की सामग्री ठंडक प्रदान करती है और सर्दी के दौरान वही पक्षियों को गर्माहट प्रदान करेगी. आमतौर पर प्रारंभिक चरण के दौरान वाणिज्यिक ब्रॉयलर और लेयर चूजों के पालन के लिए पूरी दुनिया में डीप गारबेज का उपयोग किया जाता है.
गीला होने से बचाना चाहिए
यह किफायती, स्वच्छ, आरामदायक और पक्षियों के लिए सुरक्षित है. निर्मित कूड़ा पक्षियों के लिए विटामिन बी 12, राइबोफ़्लैविन और पौटेशियम की आपूर्ति करता है और उत्पादन क्षमता बढ़ाता है. जब पक्षियों को गहरे कूड़े पर रखा जाता है, तब जल प्रदायकों के स्थान और उनके रखरखाव पर कूड़े को शुष्क रखने हेतु उचित ध्यान देना चाहिए. आखिरी में कूड़े की सामग्री को खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. कभी-कभी नीचे का कूड़ा गीला हो सकता है. जबकि कई बार तो विशेष सावधानियों के बावजूद कूड़ा गीला हो सकता है. उस समय लगभग 0.5 कि.ग्रा सुपर फॉस्फेट / जलयोजित चूने को कूड़े के साथ पूर्णतया मिलाकर 15 वर्ग फीट क्षेत्रफल में छिड़का जा सकता है.
Leave a comment