नई दिल्ली. अंडों के सेवन को लेकर कई तरह की गलतफहमियां लोगों के मन में घर कर गईं हैं. इसके चलते प्रोटीन के सबसे सस्ते सोर्स को लोग इस्तेमाल नहीं करते हैं और नतीजे में खुद का ही नुकसान करते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि अक्सर हम लोगों से सवाल किया जाता है कि क्या देश में बर्ड फ्लू के दौरान लोगों को मांस या अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए? एक्सपर्ट का कहना है कि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि बर्ड फ्लू वायरस एक स्वस्थ मानव को किसके माध्यम से प्रभावित कर सकता है.
एक्सपर्ट के मुताबिक पोल्ट्री प्रोडक्ट जैसे मांस और अंडे, जैसा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पुष्टि की गई है, यह है पक्षी के अंडे और/या मांस खाने के लिए बिल्कुल सुरक्षित है अगर उन्हें धोया और ठीक से पकाया जाता है. जबकि भारत में खाना पकाने की प्रणाली ऐसी है कि गर्मी के साथ-साथ जीवाणुरोधी अवयवों के उपयोग के कारण जैसे हल्दी, लहसुन, अदरक आदि सभी रोगजनकों को मारता है. वे कोई वायरल स्ट्रेन नहीं ले जाते हैं बर्ड फ्लू के लिए जिम्मेदार है इसलिए इसका सेवन करना सुरक्षित है.
कैसे पहचानें कि अंडा ताजा है या नहीं?
अगक्सर अंडों की ताजगी को लेकर भी सवाल उठता है. एक्सपर्ट का कहना है कि यदि हम पानी में बहुत ताजे अंडे रखते हैं, तो यह पानी के तल में डूब जाएगा और लेट जाएगा. यदि एक अंडा नीचे रहता है लेकिन अपने छोटे सिरे पर खड़ा होता है, तो यह अभी भी खाने के लिए स्वीकार्य है. बस उतना ताजा नहीं है और अगर अंडे पानी पर तैरते हैं तो इसे पुराना अंडा माना जाता है. एक्सपर्ट ये भी कहते हैं कि अंडे बनने के दौरान खून के धब्बे छोटे ब्लड वेसेल्स के टूटने का परिणाम होते हैं. जबकि ऐसा मामला 1 फीसदी से भी कम है. वहीं अंडे, और इसका भ्रूण के साथ कोई संबंध नहीं है, इसलिए इसका उपभोग करना पूरी तरह से सुरक्षित है.
डबल अंडा सेफ है की नहीं
डबल अंडे में दो जर्दी होती है, यह पूरी तरह से सुरक्षित है लेकिन इसमें दो जर्दी के बजाय दो जर्दी होती है. एक जर्दी और उन अंडों का वजन भारी होता है और प्रीमियम मूल्य पर बेचा जाता है और आमतौर पर नहीं बाजार में भी उपलब्ध है. प्रत्येक 100 अंडों में से, पक्षी 4-5 अंडे दो जर्दी अंडे के रूप में देता है और यह पूरी तरह से बहुत सामान्य है. पिछले काफी वक्त से अंडे के उत्पादन के लिए देसी पक्षियों में भारी सुधार किए गए हैं.
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