नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग में ठंड के दौरान मुर्गियों का खास ख्याल रखना होता है. अगर ऐसा न किया जाए तो ठंड से मुर्गियों को कई बीमारी हो सकती है और उनकी मौत भी हो सकती है. इससे पोल्ट्री किसान को बड़ा नुकसान हो सकता है. अगर आप सर्दियों के दौरान चूजा खरीदना चाहते हैं तो यह जान लें कि सबसे पहले आपको पोल्ट्री फार्म में कई तैयारियां करनी होंगी. जिसका रिश्ता सीधे तौर पर चूजों की जिंदगी से जुड़ा हुआ है. एक्सपर्ट का कहना है कि अगर पोल्ट्री फार्म में चूजे लाने से पहले बताई जाने वाली तैयारी नहीं की गईं तो इससे नुकसान होगा. इसलिए जरूरी है कि पहले से ही तैयारी कर लें नहीं तो हो सकता है कि चूजे खुद को पोल्ट्री फार्म में ढाल ना पाए और उनकी मौत भी होने लगे.
पोल्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक ठंड के मौसम में मुर्गीपालन करते समय चूजों को ठंड से बचने के लिए ब्रूडर, बांस के ब्रूडर, चादर के ब्रूडर, पेट्रोलियम गैस, सिगड़ी, कोयला, लकड़ी, इलेक्ट्रिक हीटर आदि की जरूरत होती है. यह सारे काम चूजा आने से पहले ही कर लेना चाहिए. जनवरी के महीने में ज्यादा ठंड पड़ती है. इसलिए इस महीने में चूजा घर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता तो फिर चूजों को परेशानी हो सकती है.
कब करानी चाहिए चूजों की डिलीवरी
वहीं दूसरे हफ्ते से चौथे हफ्ते तक पांच डिग्री तापमान कम करते हुए ब्रूडर का तापमान उतना ही कर देना चाहिए कि जितने में चूजे ठंड से बचे रहें और उन्हें ठंड न लगे. आमतौर पर ब्रूडर का तापमान कम करते हुए 26.6 डिग्री सेल्सियस तक कर देना बेहतर होता है. वहीं ठंड के मौसम में मुर्गी पालन करते समय चूजों की डिलीवरी सुबह के समय ही करा लेनी चाहिए. कभी भी शाम या रात को बिल्कुल नहीं करनी चाहिए. क्योंकि शाम के समय ठंड बढ़ने लगती है और रात में यह ठंड और ज्यादा हो जाती है.
24 घंटा पहले कर लें ये काम
पोल्ट्री किसान को यह जानना चाहिए कि फार्म के पर्दे चूजे के आने से 24 घंटा पहले ही ढक के रख दें. ताकि ठंडी हवाओं का प्रवेश रुक जाए. चूजों के आने के कम से कम 2 से 4 घंटा पहले ब्रूडर को चालू कर दिया देना चाहिए. ताकि अंदर का तापमान गर्म हो जाए और चूजे आसानी से खुद को एडजस्ट कर लें. पानी पहले ही ब्रूडर के नीचे रखें. इससे पानी भी थोड़ा गर्म हो जाएगा. अगर ठंडा हो जाए तो ब्रूडर को कुछ समय के लिए पॉलिथीन के छोटे-छोटे गोल शीट से ढक कर हवा निरोधी भी बना सकते हैं. जाड़े के मौसम में मुर्गी पालन में ठंड लगने से मुर्गियों को सर्दी—खांसी बीमारी होने का डर रहता है. इसलिए ठंड में मुर्गियों को ज्यादा से ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है.
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