Home सरकारी स्की‍म Fodder: UP में हरे चारे का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने बनाई ये नीति, यहां पढ़ें कैसे बढ़ेगा प्रोडक्शन
सरकारी स्की‍म

Fodder: UP में हरे चारे का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने बनाई ये नीति, यहां पढ़ें कैसे बढ़ेगा प्रोडक्शन

Maize crop, green fodder, green fodder for animals, fodder, fodder news
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में पशुपालन करने वालों पशुपालकों को पशुओं को दिए जाने वाले हरे चारे की कमी से जूझना पड़ता है. यहां हरे चारे की कमी है, इसे सरकार भी मानती है. कुल पशुधन की जरूरत के अनुरूप हरे चारे की 44.15 फीसदी तथा सूखे चारे की 21.11 फीसदी की कमी है. मौजूदा वक्त में प्रदेश के कृषि वाले क्षेत्रफल के 4.62 फीसदी यानि 7.67 लाख भूमि पर ही चारा उत्पादन किया जाता है. जबकि खाद्यान्न उत्पादन और चारा उत्पादन में प्रतिस्पर्धा के कारण चारा उगाने वाले क्षेत्रफल में लगातार कमी हो रही है.

साल 2009-10 में जहां 8.38 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि चारे से उगाए गए थे. वर्ष 2014-15 में इसमें कमी आई और सिर्फ 7.67 लाख हेक्टेयर भूमि पर चारा उत्पादन किया जा सका. इस समय उत्तर प्रदेश में कुल कृषिकृत क्षेत्रफल में हरा चारे सिर्फ 4.62 फीसदी जमीन पर ही उगाया जा रहा है. जो अन्य राज्यों के अपेक्षाकृत काफी कम है. इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश राज्य में निराश्रित गोवंश को गुणवत्तायुक्त व पौष्टिक चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने के मकसद से पशुपालन विभाग, उत्तर प्रदेश चारा नीति वर्ष 2024 से 2029 तक लागू किया है. ताकि राज्य में चारा उत्पादन बढ़ाया जा सके.

क्या है नीति का मकसद, पढ़ें यहां

  • इस नीति का पहला उत्तर प्रदेश में चारा उत्पादन में वृद्धि करना.
  • प्रदेश में पशुओं के लिए में जरूरत के मुताबिक गुणवत्तायुक्त्प और पौष्टिक चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना.
  • पशुओं की उत्पादकता बढाकर किसानों की आय में इजाफा करना.
  • प्रदेश में चारा के क्षेत्र में नया कारोबार शुरू करना और क्षमता विकास करना.
  • प्रदर्शन, ट्रेनिंग और जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से चारा फसलों के विकास एवं प्रसार के क्षेत्र में वृद्धि करना.
  • चारे को संरक्षित कर आपदा की स्थिति में उपयोग में लाने के लिए साइलेज के रूप में तैयार कर उपयोग करने के लिए कृषकों को जागरूक करना.

चारा उत्पादन नीति को कैसे किया लाएगा लागू

  • ग्राम समाज की भूमि विशेषकर चारागाहों की पहचान कर उन्हें चारा उत्पादन के अंतर्गत लाया जायेगा. इस कार्य में गैर सरकारी संस्थाओं व निजी संस्थाओं की मदद हासिल करने के लिए पब्लिक प्राइवेट पॉलिसी के अनुरूप एक्शन प्लान बनाया जाएगा.
  • राजकीय विभार्गो के पास उपलब्ध सरप्लस भूमि को सम्बन्धित विभाग के नियमों के अधीन रहते हुए हरे चारे को उगाने करने के लिए विभागों से समन्वय कर पहचान की जाएगी.
  • पंजीकृत गौशालाओं, राजकीय गो-आश्रय स्थलों के पास उपलब्ध भूमि पर हरा चारा उगाने को प्रोत्साहित किया जायेगा.
  • जायद में खाली रहने वाली भूमि की पहचान कर संबंधित किसानों को हरे चारे के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर हरे चारे का सफल उत्पादन क्षेत्रफल बढ़ाया जायेगा.
    -खाद्यान्न की खेती वाली भूमि को हरा चारा उगाने के अंतर्गत लाने को प्रोत्साहित किया जायेगा.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

livestock animal news
सरकारी स्की‍म

UP Government Scheme: जानें किस तरह होगा नन्द बाबा दुग्ध मिशन योजना के तहत पशुपालकों का चयन

मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षत वाली समिति द्वारा ई-लाटरी के माध्यम से...

infertility in cows treatment
सरकारी स्की‍म

Animal News: UP में पशु उत्पादकता बढ़ाने के लिए चल रही है ये योजना, यहां पढ़ें इसके पांच फायदे

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की अधिकांश आबादी ग्रामीण अंचलों में रहती...

animal news
सरकारी स्की‍म

Goat Farming: जमुनापारी बकरी-बकरे के लिए UP सरकार देगी 80 हजार रुपये, जानें क्या है योजना

पशुओं को बांधने हेतु पर्याप्त जगह तथा पीने के पानी की उपलब्धता...