नई दिल्ली. पशुपालन में पशुओं की देखरेख करना सबसे अहम काम है. अगर पशु की ठीक तरह से देखरेख न की जाए तो फिर उत्पादन पर इसका असर पड़ता है. एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि जब पशु बछड़े या बछड़ी को जन्म देते हैं तो शुरुआती पहला घंटा नवजात के लिए बहुत ही अहम होता है. अगर मान लिया जाए कि पशु ने बछड़ी का जन्म दिया है तो ये आगे चललकर पशुपालन में बहुत फायदा पहुंचाएगी. इसलिए जरूरी है कि हर वो जरूरी काम कर लिया जाए जिसकी एक्सपर्ट की ओर से सिफारिश की जाती है. ताकि बछिया को किसी तरह की दिक्कत न आए और वो आगे चलकर बेहद ही तंदुरुस्त दुधारू पशु बन जाए.
जन्म के तुरंत बछड़ियों का ख्याल रखने के लिए कई जरूरी काम किये जाते हैं. मसलन उन्हें खीस पिलाने की जरूरत होती है. गर्भनाल को काटा जाता है. इस आर्टिकल में हम आपको ऐसी कई जरूरी चीजों को बताने जा रहे हैं.
क्या—क्या करना है पढ़ें यहां
- बछड़ी के नाक व मुंह को साफ करें. इससे उसे अच्छी तरह से सांस लेने व फ्यूचर में सांस की तकलीफ से बचाने में मदद मिलती है.
- बछड़ी की मां को प्रसव के तुरंत बाद बछड़ी को चाटने देना चाहिए. इससे बछड़ी के शरीर में खून का संचार बढ़ता है और वह खड़ी होने तथा चलने के लिए तैयार हो जाती हैं.
- गर्भनाल को उसके आधार से लगभग 2 इंच दूर किसी साफ ब्लेड से काटना चाहिए.
- नाभि को 3.5 फीसदी या अधिक सांद्रता वाले टिंचर आयोडीन के घोल में कम से कम 30 सेकंड तक डुबाना चाहिए.
- इसके बाद नाभिनाल के खुले छोर को एक साफ धागे से बांधकर बंद कर देना बेहतर होता है.
- टिंचर आयोडीन के घोल में नाभि को डुबाने कि प्रक्रिया को 12 घंटे बाद फिर से दोहराएं. गलत तरीके से नाभि का रखरखाव करने पर गंभीर संक्रमण हो जाता है.
- एक नवजात बछड़ी को जन्म के पहले दो घंटे के अंदर 2 लीटर खीस या बोहली तथा 12 घंटे के अंदर 1-2 लीटर वजन के अनुसार खीस पिलाना चाहिए.
- कई बछड़ियां अपनी मां से पर्याप्त मात्रा में खीस जन्म के कुछ घंटे बाद तक नहीं लेती और इस तरह उसमें जरूरी रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं आ पाती है.
- इस बात को भी जान लें कि जन्म के 24 घंटों के बाद खीस पिलाना बछड़ी को संक्रमण से दूर रखने में मदद नहीं करता है.
- बछड़ी को उसके जिंदगी के प्रथम 3 महीने तक बीमारियों से बचाव के लिए पर्याप्त मात्रा में खीस पिलाना चाहिए. खीस बछड़ी के लिए बहुत ही जरूरी है.
- बछड़ी को हाथ से खीस पिलाना चाहिए. एक्सपर्ट नवजात बछड़ी को खीस हाथ से पिलाने की विधि की सिफारिश करते हैं.
- शुरुआती कृमिनाशक दवा 10-14 दिनों के भीतर देना चाहिए. उसके बाद बछड़ी को हर महीने एक बार 6 माह तक कृमिनाशक देना चाहिए.
- जब बछड़ी 3 माह की हो जाये तब पशुचिकित्सक से टीकाकरण करवा लेना चाहिए.
- अच्छी ग्रोथ व जल्द वयस्कता Adulthood के लिए 1-8 हफ्ते तक कॉफ-स्टार्टर बछड़ी को देना चाहिए.
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