नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पराली जलाने के मामलों को रोकने के लिए के लिए अब तक कई पहल कर चुकी है. यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में पराली जलाने के मामलों में कमी दर्ज की गई है. वहीं अब यूपी की भाजपा सरकार ने किसानों के हित में अनूठी पहल की शुरुआत की है. जिसमें पराली जलाने की घटनाओं को रोकने और किसानों को फायदा पहुंचाने के मकसद से ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ योजना चलाई जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह अभियान प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
गौरतलब है कि प्रदेश में हर वर्ष फसलों की कटाई के बाद पराली जलाने की समस्या बढ़ जाती है, जिससे हवा में प्रदूषण फैल रहा है. इसे रोकने के लिए योगी सरकार ने 28 अक्टूबर से ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ अभियान का संचालन किया. अभियान के दौरान प्रदेश में 2 लाख 90 हजार 208.16 क्विंटल पराली जमा की गई और किसानों को इसके बदले 1 लाख 55 हजार 380.25 क्विंटल गोवंश खाद दी गई है. इस खाद का उपयोग जैविक खेती और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में किया जा रहा है.
इन जिलों ने किया शानदार काम
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभियान के तहत प्रदेश के कई जनपदों ने बेहतरीन काम किया है. जिसमें वाराणसी, बांदा, बदायूं, जालौन, बरेली, अमेठी, सिद्धार्थनगर और बहराइच शामिल हैं. इन जनपदों में किसानों ने बड़े पैमाने पर पराली जमा की और खाद का फायदा लिया है. अभियान के माध्यम से पराली के बदले गोवंश खाद वितरण से निराश्रित गोवंश संरक्षण को भी बढ़ावा मिल रहा है. गो-आश्रय स्थलों में एकत्रित गोवंश खाद किसानों तक पहुंचाई जा रही है, जिससे पशुपालन विभाग की सक्रियता और प्रभावी कार्यशैली भी उजागर होती है.
जैविक खेती को मिल रहा बढ़ावा, पर्यावरण संरक्षण को मिल रही दिशा
यूपी सरकार की इस पहल से जहां जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं किसानों की उत्पादन लागत भी घटेगी, यह पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. योगी सरकार का ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ अभियान किसानों, पर्यावरण और समाज के लिए महत्वपूर्ण कदम है. यह योजना न सिर्फ पराली जलाने की समस्या को प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर रही है, बल्कि किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए भी प्रेरित कर रही है. योगी सरकार की इस पहल से प्रदेश में हरित क्रांति की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है.
अभियान से क्या हो रहा है फायदा
पराली जलाने से रोकथाम हो रही है और किसान पराली जलाने की बजाय उसे सरकार को सौंपकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहे हैं. जैविक खाद हासिल हो रहा है. गोवंश खाद के रूप में किसानों को प्राकृतिक खाद प्राप्त हो रही है, जो रासायनिक खादों के उपयोग को कम कर रही है और भूमि की गुणवत्ता सुधार रही है.
Leave a comment