नई दिल्ली. सरकार की तरफ से पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. सरकार की मंशा है कि किसान पशुपालन से जुड़े और अपनी इनकम को दोगुनी कर लें. इसके लिए किसानों को लोन मुहैया कराया जाता है. वहीं सब्सिडी भी दी जाती है. ताकि आर्थिक रूप से कमजोर किसान भी पशुपालन करके अपनी आमदनी बढ़ा सकें. अगर किसान पशुपालन करते हैं तो उन्हें दूध बेचने से कमाई होती है. वहीं बहुत से किसान कई डेयरी प्रोडक्ट भी बनाकर कमाई कर सकते हैं. वहीं सरकार की तरफ से पशुपालन और डेयरी को बढ़ावा देने के लिए भी कई बेहतरीन काम किए गए हैं. आइए इस बारे में जानते हैं.
राष्ट्रीय गोकुल मिशन देशी नस्लों के विकास और संरक्षण और बोवाइन आबादी के आनुवंशिक उन्नयन (Unveiling) पर खास जोर देते हुए भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किया गया है. साल 2024 के दौरान बोवाइन की उत्पादकता बढ़ाने के लिए इस योजना के तहत कई पहलें की गई हैं. आइए इस बारे में जानते हैं.
इन पांच अहम कामों के बारे में पढ़ें यहां
- देशी रूप से विकसित सेक्स सॉर्टेड सीमेन उत्पादन तकनीक का शुभारंभ दिनांक 5 अक्टूबर साल 2024 को प्रधानमंत्री द्वारा किया गया था. ये लिंग आधारित सीमेन सस्ती दरों पर उपलब्ध है. इस तकनीक का लक्ष्य 90 प्रतिशत सटीकता के साथ मादा बछड़े पैदा करना है, जिससे नस्ल सुधार और किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी.
- इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के लिए देशी मीडिया का शुभारंभ दिनांक 13 सितंबर, 2024 को भुवनेश्वर में किया गया था. स्वदेशी मीडिया प्रक्रिया में स्वदेशी नस्लों के अच्छे पशुओं के लिए महंगे आयातित मीडिया के विकल्प के तौर पर सस्ता प्रभावी मीडिया मिलता है.
- गौपशु के लिए गउ चिप और भैंस के लिए महीष चिप कॉमन जीनोमिक चिप का शुभारंभ दिनांक भी 5 अक्टूबर साल 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था.
- राष्ट्रीय दूध रिकॉर्डिंग कार्यक्रम को दूध पॉकेट या प्रजनन क्षेत्र में देशी नस्लों के अच्छे पशुओं की पहचान के लिए 13 सितंबर.2024 को भुवनेश्वर से शुरू किया गया था.
(5) पशुधन उत्पादों के लिए ट्रैसेबिलिटी प्लेटफॉर्म दिनांक 22 अक्टूबर 2024 को गुजरात से लॉन्च किया गया था. ये सभी पहल देश में बोवाइन आबादी के आनुवंशिक उन्नयन को नया आयाम देंगी. राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार पशुधन और डेयरी क्षेत्र में सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कारों में से एक है. इस वर्ष से, विभाग ने तीनों श्रेणियों में पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) राज्यों के लिए एक विशेष पुरस्कार शामिल किया है. 26 नवंबर, 2024 को दिल्ली में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस की पूर्व संध्या पर 15 पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया.
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