Home मछली पालन Fisheries: एक एकड़ के तालाब में पांच हजार ग्रास कार्प मछलियों को पालने का क्या है तरीका, जानें यहां
मछली पालन

Fisheries: एक एकड़ के तालाब में पांच हजार ग्रास कार्प मछलियों को पालने का क्या है तरीका, जानें यहां

This scheme of the government will make deep sea fishing easier. livestock animal news
समुद्र में कलरब करती मछली. livestock animal news

नई दिल्ली. मछली पालक भाइयों क्या आपने कभी यह सोचा है कि अगर एक तालाब में सिर्फ और सिर्फ ग्रास कर मछली पाली जाए वो भी हाई डेंसिटी में यानि ज्यादा से ज्यादा, तो कितनी मछलियां डाली जा सकती हैं? क्या बिना रोहू कतला या मृगल के केवल ग्रास कार्प से ही मुनाफा कमाया जा सकता है या नहीं? क्या इसे पालना सही रहता है या नहीं? इससे ग्रोथ पर तो असर नहीं पड़ता है? अगर आप भी इन सवालों के जवाब जानना चाहते हैं तो यहां हम आपको इसके बारे में जानकारी देंगे. क्योंकि एक तालाब में सिर्फ ग्रास कार्प मछली को पाला जा सकता है लेकिन इसको कैसे सही तरीके से हाई डेंसिटी में पाला जाए, इसका तरीका पता होना बेहद जरूरी है.

इसके लिए ये भी जानना जरूरी है कि शुरुआत में कौन से साइज के बीज को तालाब में डालना है. बाद में कौन से साइज के बीज को नर्सरी तालाब में डालना है. कब इसे नर्सरी तालाब से मेन तालाब में ट्रांसफर करना है और कैसे मछली को जल्दी से एक से डेढ़ किलो तक पहुंचाना है. इन सब चीजों की जानकारी एक मछली पालक को होना बेहद ही जरूरी है. तभी फायदा मिलता है.

इन बातों का देना होगा ध्यान
बता दें कि ग्रास कार्प को हाई डेंसिटी में पाला जा सकता है लेकिन आपको हर कदम पर ध्यान देना होगा. चाहे वह तालाब की सफाई हो पानी या ऑक्सीजन की मात्रा. या चारा खिलाने का सही तरीका हो. इन सब चीजों की जब जानकारी आपको होगी, तभी आप ग्रास कार्प मछली को तालाब में हाई डेंसिटी पर पाल सकते हैं और आपको इससे फायदा होगा. नुकसान नहीं. इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि इसका पूरा एक सिस्टम तैयार करना पड़ता है. अगर सिस्टम को तैयार न किया जाए तो नुकसान होगा और ऐसा इसका सिस्टम तैयार कर लिया जाए तो फिर आप तालाब में पांच हजार मछलियां एक एकड़ में पाल सकते हैं. वह भी किसी नुकसान के बिना.

कब मेन तालाब में डालें मछलियां
अगर आपने ग्रास कार्प के बीज कहीं से खरीदे हैं और बिना किसी तैयारी के सीधे तालाब में छोड़ दिया तो इससे मछलियों की ग्रोथ नहीं होगी और तालाब की सेहत भी खराब हो जाएगी. जबकि सही तरीका दूसरा है. जब भी आप बीज खरीदें चाहे वो जीरा हो या फिंगर्लिंग हो उन्हें सीधे मुख्य तालाब में नहीं डालना चाहिए. सबसे पहले उनके लिए एक नर्सरी तालाब तैयार करना चाहिए. नर्सरी तालाब का फायदा ये होता है कि कमजोर और नाजुक मछलियों को सुरक्षित माहौल मिल जाएगा. जहां वह जल्दी से बड़ी और मजबूत हो जाएंगी. जब तक ये मछलियां डेढ़ सौ ग्राम तक न हो जाएं तब तक उन्हें नर्सरी तालाब नहीं रखना चाहिए और जब बीज इस साइज का तैयार हो जाएं तभी मेन तालाब में डालें.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

अगर आप छोटे गड्ढे में मछली पालन का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको तालाब के आकार को चुनना होगा. एक से 2000 स्क्वायर फीट के तालाब में आप बढ़िया मछली पालन कर सकते हैं.
मछली पालन

Fisheries: मछली पालन से जुड़ी अहम बातों को जानें यहां, बढ़ जाएगा मुनाफा

फिश एक्सपर्ट का कहना है कि तालाब के अंदर ज्यादा मछलियां डालना...

Fisheries, Fish Rate, Government of India, Live Stock Animal News, Boat
मछली पालन

Fish Farming: यूपी के सिद्धार्थनगर में बन रहा है पंगेसियस कलस्टर, यहां पढ़ें इसके ढेरों फायदे

इससे किसानों को मुनाफा भी ज्यादा मिलता है. सिद्धार्थनगर में बनने वाले...