नई दिल्ली. देश का सबसे हाईटेक गोट फार्म बनाने वाले संचालक डीके सिंह से जब ये पूछा गया कि इतना हाईटेक फार्म बनाने के पीछे क्या मकसद है तो उन्होंने इसके बारे में डिटेल से बताया. उन्होंने कहा कि फतेहाबाद रोड आगरा में स्थित युवान गोट फार्म बनाने का मकसद एक ऐसा फार्म बनाना था, जहां पर पल रहे जानवरों में न तो स्मेल हो न फॉर्म के अंदर गंदगी हो. हाइजीनिक तरीके से पशुओं का पालन किया जाए, जिससे अच्छा प्रोडक्शन मिले और बकरी पालन से ज्यादा फायदा उठाया जा सके. इसलिए किसानों को भी फार्म से जोड़ा गया है.
उन्होंने बताया कि पशुपालन में भारत में कई काम हो रहे हैं. इसके अलावा फिशरीज में कई काम हो रहे हैं. डेयरी में ज्यादा मुनाफे के लिए गाय—भैंस को पालने को लेकर भी अच्छा काम किया जा रहा है और सरकार इस पर ध्यान भी दे रही है लेकिन बकरी और भेड़ पालन पर उतना ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा है न ही इस काम में बहुत बड़े लोग आगे आ रहे हैं. जबकि युवाव एग्रो फॉर्म जैसा फार्म भी सेटअप नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसका बड़ा कारण यह है कि बकरियों का हैल्थ मैनेजमेंट और रखरखाव थोड़ा ज्यादा महंगा है.
हजारों किसानों अपने साथ लाएंगे
युवान गोट फॉर्म आगरा के संचालक डीके सिंह कहते हैं हमारा मकसद यह था कि लोगों को जागरूक करें. अभी तक 500 से ज्यादा किसान युवान एग्रो फार्म से जुड़े हैं. जिनकी मदद से हम फॉर्म को चला रहे हैं. आने वाले दिनों में 5000 किसानों से जोड़ने का हमारा लक्ष्य है. उन्हें जोड़कर उनको पशुपालन के बारे में हम बताएंगे और उन्हें यह बताएंगे कि कैसे एडवांस तरीके से बकरी का पालन किया जा सकता है, उन्हें टेक्निकल जानकारी भी देंगे. उन्हें ये बताया जाएगा कि बकरियों को क्या खिलाया जाना चाहिए. उनकी हैल्थ का कैसे ख्याल रखा जाए और इससे किसानों को कैसे फायदा मिलेगा, इस बारे में भी बताएंगे.
एक हजार लीटर दूध का होगा उत्पादन
उन्होंने कहा कि हमारे फार्म में 5000 से ज्यादा बकरियां हैं और 1 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा एरिया में बने शेड में ये बकरियां रहती हैं. तकरीबन 3 साल से फार्म चल रहा है और इस फॉर्म में बकरियों के देखभाल की जाती है. आने वाले समय में 1000 लीटर प्रतिदिन दूध का उत्पादन यहां होगा. बकरियों के दूध से चीज बनाई जाएगी. गोट फॉर्म के संचालक का कहना है कि वह कोशिश कर रहे हैं कि ग्रामीण इलाकों से भी लोगों को जोड़ा जाए. क्योंकि इसका मार्केट बड़ा है, इससे फार्मर्स को भी फायदा मिलेगा.
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