Home पशुपालन Animal News: अब इस राज्य में बेसहारा घूमते नजर नहीं आएंगे गोवंश, सरकार ने उठाया बड़ा कदम
पशुपालन

Animal News: अब इस राज्य में बेसहारा घूमते नजर नहीं आएंगे गोवंश, सरकार ने उठाया बड़ा कदम

Animal husbandry, heat, temperature, severe heat, cow shed, UP government, ponds, dried up ponds,
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. खुले में और बेसहारा घूम रहे गोवंश से होने वाली समस्याओं को देखते हुए राजस्थान सरकार ने अहम और बड़ा फैसला किया है. राजस्थान में राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य मार्गों तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर खुले में घूम रहे बेसहारा पशुधन के कारण दुर्घटनाओं की बढ़ती संभावना को देखते हुए मुख्य सचिव सुधांश पंत ने राज्य के सभी जिला कलेक्टर्स को पत्र लिखकर इसका समाधान करने के निर्देश दिए हैं. कहा गया है कि खुले में घूमने वाले गौवंश की तुरंत पहचान कर स्थानीय गौशालाओं, नंदीशालाओं, अस्थायी पशु आश्रय स्थलों अथवा पशु पुनर्वास केंद्रों में स्थानांतरित किया जाए.

इन निराश्रित गौवंशों की समस्या के समाधान के लिए शासन विभाग, पंचायती राज विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग एवं राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, पशुपालन एवं गोपालन विभाग, जिला प्रशासन तथा पुलिस, यातायात विभाग की भूमिका सुनिश्चित की गई है और सभी विभागों से अपेक्षा की गई है कि वे आपसी समन्वय के साथ काम करेंगे.

क्या मिला है निर्देश
स्वायत्त शासन विभाग को राजस्थान नगर पालिका अधिनियम के तहत हासि अधिकारों का उपयोग करते हुए गौवंश को कांजी हाउस और गौशालाओं में भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं.

साथ ही उन्हें निर्देशित किया गया है कि नगरीय क्षेत्र को गौवंश मुक्त क्षेत्र बनाया जाए और कचरा निस्तारण की व्यवस्था सुद्ढ़ की जाए.

जिससे निराश्रित गौवंश भोजन की अपेक्षा में इन स्थानों पर न घूमें. गौशालाओं तथा निजी स्वामित्व वाले गौवंश, सार्वजनिक स्थलों पर पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही करने और निर्धारित जुर्माना वसूलने के निर्देश भी स्वायत्त शासन विभाग को दिए गए हैं.

पंचायती राज विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वे पंचायत राज अधिनियम की धाराओं के तहत कार्यवाही करने और स्थानीय समितियों का गठन कर गौवंश की निगरानी और नियोजन सुनिश्चित करने की बात कही है.

साथ ही सार्वजनिक निर्माण विभाग तथा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को राजमार्गों के किनारे अवरोधक लगाने, चेतावनी बोर्ड लगाने, कैटल कैचर वाहन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.

राजमार्गों पर पशुजन्य हादसों की संभावना को कम करने के उद्देश्य से नियमित रूप से पेट्रोलिंग तथा निराश्रित गौवंश को निकटतम गौशाला में भिजवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

पुलिस विभाग और यातायात विभाग को निर्देश दिया गया है कि वे निराश्रित गौवंश को गौशालाओं में भिजवाने के लिए स्थानीय निकायों और पंचायत राज संस्थाओं को आवश्यक और अपेक्षित सहयोग तथा सुरक्षा प्रदान करें.

पशुपालन एवं गोपालन विभाग को भी निर्देश दिया गया है कि राजकीय सहायता प्राप्त गौशालाओं द्वारा उसकी कुल क्षमता का कम से कम 10 प्रतिशत निराश्रित पशुधन आवश्यक रूप से स्वीकार करना होगा.

अगर किसी गौशाला द्वारा ऐसा करने से मना किया जाता है तो इसकी लिखित सूचना संबंधित संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग को देनी होगी.

ऐसी गौशालाओं के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. गौशाला में स्थानांतरित निराश्रित गौवंश के भरण पोषण के लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर बड़े और छोटे गौवंश के लिए नियमानुसार सहायता राशि देय होगी.

रोगग्रस्त तथा दुर्घटनाग्रस्त गौवंश को तत्काल सुविधा एवं समुचित दवाइयां और फीड सप्लीमेंट आदि उपलब्ध करवाया जाएगा.

निष्कर्ष
राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टर्स कोे निर्देश दिए हैं कि सभी संबंधित विभागों में आपसी समन्वय कर तमाम जरूरी कदम उठाए जाएं. सड़कों को गौवंश से मुक्त कर सड़क सुरक्षा, यातायात प्रबंधन एवं पशु कल्याण सुनिश्चित किया जा सके. इससे सभी वर्ग के लोगों को फायदा होगा.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

पशुपालन

GADVASU: पशुपालन की बारकियां सिखाई, दूध-मांस और अंडे से जुड़े हर एक फायदे के बारे में बताया

पंजाब के विभिन्न जिलों से कुल 16 प्रतिभागियों ने इस प्रशिक्षण में...

sonepur pashu mela
पशुपालन

FMD: खुरपका-मुंहपका से पशुओं को कैसे बचाए, यहां पढ़ें कुछ खास उपाय

बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के एक्सपर्ट का कहना...