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Animal Husbandry: अक्टूबर में पशुओं की इस तरह करें देखभाल, जानें क्या करना है जरूरी

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प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. पशुपालन पर नजदीक से निगाह रखने वाले एक्सपर्ट का मानना है कि अक्टूबर के महीने में पशुपालकों को पशुओं के प्रति ज्यादा एहतियात बरतनी चाहिए. क्योंकि अक्टूबर का महीना एक ऐसा महीना है, जिसमें मौसम तब्दील होता है. गर्मी से ठंडक की तरफ मौसम करवट लेता है. सुबह और शाम के वक्त हल्की-हल्की ठंड शुरू हो जाती है. जिस तरह से इंसान खुद को सर्दी से बचाने की तैयारी करता है. ठीक उसी तरीके से पशुओं को भी सर्दी से बचाने के लिए देखभाल की जरूरत होती है. अगर आप भी जानना चाहते हैं कि क्या जरूरी कदम उठाए जाएं तो इसी के बारे में हम यहां आपको बताने जा रहे हैं.

बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग (Department of Animal and Fishery Resources) के एक्सपर्ट ने लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (Livestock Animal News) को बताया कि ठंड से बचाने के अलावा पशुओं के लिए इस महीने में उपलब्ध भरपूर चारे को संरक्षित करने की व्यवस्था भी करनी चाहिए. वहीं पशुओं को गीली जगह पर बैठने से दिक्कतें हो जाती हैं. इसलिए पशुओं का बाड़ा सूख रखना चाहिए. ताकि पशुओं को दिक्कतें न आएं.

क्या और जरूरी कदम उठाएं
एक्सपर्ट का कहना है कि अगर पशु गीली जगह पर बैठता है तो उसे सर्दी-जुकाम, खांसी-बुखार जैसी बीमारियां हो सकती हैं. इससे उत्पादन पर असर पड़ सकता है.

अक्टूबर माह में पशुपालकों के लिए सलाह की बात की जाए तो इस माह से सर्दी का असर शुरू हो जाता है. इसलिए पशुओं को ठंड से बचाने के लिए उचित प्रबंध कर लिया जाना चाहिये.

सर्दी के मौसम में गाय और भैंस के ब्याने का प्रतिशत सबसे ज्यादा रहता है. इसलिए मां और बच्चों के लिए संतुलित आहार, मौसम संबंधित बचाव एवं पर्याप्त आवास की व्यवस्था कर ली जानी चाहिए.

पशुओं को ठंड से बचाया जा सकता है. इसके लिए पशुओं को 25 ग्राम से 50 ग्राम हर दिन गुड़ खिलाया जाना चाहिए.

चूंकि इस महीने हरे चारे की अधिकता रहती है, इसलिए इसे संतुलित मात्रा में ही दिया जाना चाहिए.

शेष बचे हुए हरे चारे को भविष्य के लिए सुरक्षित करने के लिए साइलेज बना लिया जाना चाहिए. ताकि जब कमी हो पशुओं को दिया जा सके.

निष्कर्ष
पशुपालन में पशुओं का ध्यान मौसम के लिहाज से भी रखना होता है. इसलिए बेहद जरूरी है कि उनका ख्याल इन दिनों में किया जाए ताकि पशुओं को बीमारी से बचाया जा सके. जिससे उत्पादन पर इसका असर न पड़े.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

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