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Animal Husbandry: पशुपालन और दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने शुरू की ये अहम योजना

क्लोन से तैयार की गई देश की पहली गाय गंगा

नई दिल्ली. पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई काम कर रही है. वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने भी कई योजनाएं चला रखी हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अक्सर मंच से इस बात को दोहराते रहते हैं कि राज्य में दूध उत्पादन 9 फीसदी से बढ़ाकर 20 परसेंट तक ले जाना है. इसको लेकर कई काम सरकार करेगी. सरकार अपनी इसी कही गई बात को अमल लाने का काम कर रही है और राज्य में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है. इस योजना का नाम सरकार की ओर से आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना रखा गया है, आईए जानते हैं कि क्या है ये नई योजना.

पशुपालन विभाग द्वारा दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के के लिए आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना लागू की गई है. इस योजना में 75 प्रतिशत राशि बैंक ऋण के माध्यम से दी जाती है। शेष 25 प्रतिशत राशि हितग्राही को अंशदान के रूप में देनी होती है.

किसे मिलेगा योजना का फायदा
योजना में 7 वर्षों तक 5 प्रतिशत ब्याज की प्रतिपूर्ति अनुदान का भी लाभ दिया जाता है. योजना के लिए पशुपालक के पास कम से कम 5 पशु और एक एकड़ कृषि भूमि होना आवश्यक है. पशुओं की संख्या में वृद्धि होने पर उसी के अनुपात में कृषि कृषि भूमि का निर्धारण किया जाता है. योजना की एक इकाई में 5 भैंस होने पर 4 लाख 25 हजार रुपए तथा 5 शंकर नस्ल की गाय होने पर 3 लाख 82 हजार रुपए एवं देशी गाय होने पर 2 लाख 43 हजार 750 रुपए इकाई लागत निर्धारित की गई है. 10 दुधारू पशुओं के होने पर 10 भैंसों में 8 लाख 40 हजार, शंकर गाय तथा के लिए 7 लिए 7 लाख 51 हजार रुपए 10 देशी गाय के लिए 4 लाख 75 हजार रुपए इकाई लागत निर्धारित की गई है.

2 लाख रुपए मार्जिन मनी के तौर पर मिलेगा
इस योजना में सामान्य वर्ग के पशुपालक को परियोजना लागत का 25 प्रतिशत अधिकतम एक लाख 25 हजार रुपए मार्जिन मनी सहायता के रूप में दिया जाता है. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के हितग्राही को परियोजना लागत का 33 प्रतिशत अधिकतम 2 लाख रुपए मार्जिन मनी के रूप में दिया जाता है. पशुपालन विभाग के माध्यम से प्रकरण बैंकों में भेजे जाते हैं. बैंक से प्रकरण स्वीकृत होने के बाद हितग्राही को इकाई लागत की राशि प्रदान की जाती है. इस योजना में इकाई लागत की 75 प्रतिशत राशि पर बैंक की कुल ऋण राशि में 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज अनुदान दिया जाता है. इसकी राशि अधिकतम 25 हजार रुपए प्रतिवर्ष निर्धारित है.

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