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Dairy: सरकार की इस योजना ने बदल दी किसान की जिंदगी, महीने में हो रही 50 हजार की कमाई

milk production
प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली. सरकार की ओर से पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं. ताकि किसानों की इनकम को बढ़ाया जा सके. सरकार की ओर से चलाई जा रही है योजनाओं का किसानों को फायदा भी हो रहा है. उनकी इनकम बढ़ रही है और पशुपालन करके वो आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं. मध्य प्रदेश के मंदसौर के रहने वाले मोहनलाल पाटीदार की बढ़ी हुई इनकम इसका सबूत है कि सरकार की योजनाएं काम कर रही हैं. मंदसौर के इस किसान ने मध्यप्रदेश सरकार की आचार्य विद्यासागर डेयरी इकाई योजना का फायदा उठाकर नई उड़ान भरी है.

मंदसौर जिले के ग्राम गुराडिया प्रताप के मूल निवासी मोहनलाल कभी परेशान थे लेकिन आज वो और उनका परिवार खुशहाल है. दूध की बिक्री करके प्रतिदिन 1800 रुपए कमा कर रहे हैं. पशुपालन एवं डेयरी विभाग की आचार्य विद्यासागर डेयरी इकाई योजना से मोहनलाल पाटीदार के जीवन में बड़ा बदलाव आया है.

जानें कितना मिला था लोन और सब्सिडी
उन्होंने बताया कि योजना के माध्यम से उन्हें 4 लाख 50 हजार का लोन प्राप्त हुआ, इसमें से 1 लाख 6 हजार का अनुदान मिला. इससे मैंने 5 भैंसें खरीदी, जिससे प्रतिदिन 45 लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है. प्रत्येक दिन 1800 रुपये की दूध से कमाई हो रही है. इस हिसाब से महीने में 54 हजार रुपए की कमाई हो रही है. हितग्राही पाटीदार ने बताया कि गोबर से जैविक खाद बनाई जाती है, जिसका खेती में उपयोग किया जाता है. पाटीदार ने बताया कि आचार्य विद्यासागर योजना ने मुझे आर्थिक रूप से बहुत सशक्त बनाया है, इसके लिए मैं और मेरा पूरा परिवार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के वो आभारी हैं. उन्होंने कहा कि इस योजना से और भी किसानों को जुड़ा चाहिए.

दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने की ये कोशिश
मध्य प्रदेश में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच एमओयू हुआ है. वर्तमान में प्रदेश के लगभग 6 हजार गांवों में प्राथमिक दुग्ध समितियां हैं. प्रदेश के समस्त गांवों के लिए दुग्ध समितियों के गठन का लक्ष्य है. यह समितियां 25 लाख लीटर दुग्ध इकट्ठा करने में सक्षम होंगी. सांची ब्रांड को मजबूत किया जा रहा है. मध्यप्रदेश में देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 9 फीसद उत्पादन होता है, जिसे बढ़ाकर 20 फीसदी करने का लक्ष्य है. प्रत्येक ग्राम पंचायत में दूध संकलन केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता में वृद्धि की जाएगी. दूध स्टोरेज 10 लाख 50 हजार किलोग्राम से बढ़ाकर 20 लाख किलोग्राम किया जाएगा. अगले 5 वर्ष में 1,447 करोड़ रुपये के निवेश से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के अनेक कार्य होंगे. सरकार का प्रयास मध्यप्रदेश को देश की डेयरी कैपिटल बनाना है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड से अनुबंध के फलस्वरूप राज्य के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अंतर्गत सहकारी प्रणाली भी मजबूत होगी.

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