नई दिल्ली. कर्ज और किसान का तो जैसे चोली और दामन का साथ है. किसान खेती करे और कर्ज या फिर नुकसान से बच जाए, ऐसा शायद कम ही मुमकिन होगा. लेकिन चौधरी चरण सिंह, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) के एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि अगर किसान खेती संग पशुपालन भी करते हैं तो उनका कर्ज खत्म या फिर कम हो सकता है. कृषि अर्थशास्त्री विनय महला ने साल 2022-23 में ये सर्वे कराया था. वहीं हाल ही में एचएयू की हर महीने प्रकाशित होने वाली मैगजीन में इस सर्वे के बारे में खुलासा हुआ है.
हालांकि इस सर्वे के प्रकाशित होते ही इस पर बवाल भी शुरू हो गया है. कई किसान संगठनों ने इस सर्वे को आधार बनाकर सरकार पर आरोप लगाया है कि एक तरह तो वो कहती है कि हम किसानों की आय दोगुनी कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सर्वे बताता है कि किसान कर्जदार हो रहे हैं. इसी विरोध के चलते एचएयू ने अब सर्वे आदि को प्रकाशित करने के अपने मानकों में बदलाव किया है.
जानें क्या कहता है किसानों पर हुआ सर्वे
कृषि अर्थशास्त्री डॉ. विनय महला का कहना है कि उन्होंने सर्वे में जिन परिवारों को शामिल किया है उसमें औसत 5 से 8 लोग थे. ऐसे परिवारों के पास औसत 2.7 हेक्टे यर जमीन थी. औसत दो दुधारू पशु भी ऐसे परिवार में पाए गए हैं. अब इनके खर्च पर नजर डालें तो सर्वे बताता है कि इन परिवारों में खाने-पीने की चीजों पर हर साल 73,185 रुपये खर्च किए जाते हैं. इसमें अनाज-दाल, फल-सब्जी, खाने का तेल, बेकरी के आइटम, दूध-अंडे, नॉनवेज और मसाले शामिल हैं. इसके अलावा हर साल 1.41 लाख रुपये हैल्थ, पढ़ाई, वाहन-यात्रा, कपड़े-जूते, गैस का सिलेंडर, बिजली-मोबाइल के बिल और घर की मरम्मेत आदि पर खर्च होते हैं. इस तरह हर साल का खर्च 2.14 लाख रुपये का है.
इनकम और खर्च में है जमीन-आसमान का फर्क
अब सर्वे की रिपोर्ट ये भी बताती है कि किसानों को खेती से 1.83 लाख रुपये की इनकम होती है. वहीं डेयरी से 65 हजार 206 रुपये की इनकम होती है. इस तरह से कुल इनकम दो लाख 48 हजार 206 रुपये की इनकम किसानों को होती है. अब सर्वे में ये भी सामने आया है कि अगर परिवार में से कोई नौकरी कर रहा होता है तो औसत इनकम एक लाख 10 हजार 250 रुपये और हो जाती है. ऐसे में अब कुल इनकम हो गई तीन लाख 58 हजार 456 रुपये. इसमें से अगर डेयरी यानि पशुओं से होने वाली इनकम 65 हजार 206 को निकाल दें तो क्यार बचा दो लाख 93 हजार 250 रुपये मात्र. अब सर्वे ये भी बताता है कि किसान की कुल इनकम का 43.7 फीसदी हिस्सा 1.66 लाख तो उसकी खेती-डेयरी पर ही खर्च हो जाता है. जैसे बीज, कीटनाशक दवाई, सिंचाई के लिए डीजल, पशु के लिए चारा और दवाई वगैरह.
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