Home पशुपालन Dairy Farming : पशु पालन में बेहद काम की है ये जानकारी, पानी-आहार सेहत के हिसाब देंगे तो बंपर कमाई
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Dairy Farming : पशु पालन में बेहद काम की है ये जानकारी, पानी-आहार सेहत के हिसाब देंगे तो बंपर कमाई

सीता नगर के पास 515 एकड़ जमीन में यह बड़ी गौशाला बनाई जा रही है. यहां बीस हजार गायों को रखने की व्यवस्था होगी. निराश्रित गोवंश की समस्या सभी जिलों में है इसको दूर करने के प्रयास किया जा रहे हैं.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. देश में जहां ज्यादातर किसान कृषि पर निर्भर है तो वहीं इसमें बहुत से किसान अब पशुपालन को भी अपनी आय का जरिया बना रहा है. ताकि उनकी आमदनी बढ़ सके. वहीं पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से मदद की जाती है. किसान ज्यादा से ज्यादा पशुपालन करें, इसके लिए सकरार किसानों को वित्तीय सहायता भी देती है. ऐसे में किसान भी पशुपालन करने में आगे आ रहे हैं. जिसका फायदा भी किसानों को मिल रहा है और उन्हें दोहरी कमाई का मौका मिल रहा है.

बढ़ती दूध की मांग के लिए शहर और देहात दोनों क्षेत्रों में पशुपालन तेजी से बढ़ रहा है. जिस तरह से खेती-किसानी में अच्छी फसल लेने के लिए किसानों को तमाम जरूरी जानकारी होनी चाहिए, उसी तरह से पशुपालन को लेकर किसानों को पता होना चाहिए कि पशुओं का शेड कैसा हो, उन्हें चारा कितनी मात्रा में दिया जाए. पानी कैसा और कितना दिया जाए, पशुओं का ख्याल रखने में किन बातों का ध्यान दिया जाए. जब इन सब बातों की जानकारी होगी तो पशु स्वस्थ रहेंगे अच्छा प्रोडक्शन करेंगे और इसका फायदा पशुपालकों को होगा. इन सब जानकारी से पशुपालक अपने बिजनेस को और बढ़ा सकते हैं.

पानी की अहम रोल है: जिस तरह खाना पशुओं के लिए बेहद जरूरी है, ठीक उसकी प्रकार पानी भी पशुओं की जरूरत है. एक्सपर्ट के मुताबिक डेयरी पशुओं को गंदे, हरे या क्षतिग्रस्त/संक्रमित आलू नहीं दिए जाने चाहिए. क्योंकि ये पशुओं को संभावित नुकसान पहुंचा सकते हैं. पशुओं के लिए स्वच्छ पानी की जरूरत होती है. शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए, दूध का उत्पादन (दूध में 85% पानी की मात्रा होती है), शरीर से जलीय पदार्थों का डेडीकेशन (मल और मूत्र में क्रमशः लगभग 85% और 92% पानी होता है). खून और अन्य शरीर की संरचना को बनाए रखने के लिए भी तरल पदार्थ पानी का बहुत महत्व है.

शेड में इन बातों का रखें ख्याल: पशुओं को भोजन देने के लिए उन्हें उनके उत्पादन स्तर के अनुसार विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया जाना चाहिए. जैसे उच्च दूध देने वाले, मध्यम और कम दूध देने वाले आदि. इससे उनका सर्वोत्तम आहार संभव हो सकेगा और चारा व्यय भी बचेगा. जानवरों को अच्छी गुणवत्ता वाले शेड की आवश्यकता होती है. ताकि उन्हें ज्यादा गर्मी, ठंड, हवा, बारिश, तूफान आदि से बचाया जा सके. शेड साफ, आरामदायक, पूरी तरह हवादार होने चाहिए और प्रकाश का स्रोत होना चाहिए. पशुशालाओं के आसपास पेड़-पौधे लगाए जाने चाहिए.

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