नई दिल्ली. राजस्थान सरकार की एक पशुपालन के तहत चलाई जा रही एक ऊष्ट्र संरक्षण योजना में नया अपडेट हुआ है. किए गए बदलाव को पशुपालन निदेशालय की ओर से प्रेस रिलीज जारी कर के बताया गया है. दरअसल, ऊंट के पालन पोषण के लिए सरका की ओर से ऊंट पालकों को 20 हजार रुपये की आर्थिक मदद की जाती है. इसी मदद के लिए सरकार की ओर नया अपडेट जारी किया गया है. अगर पशु पालक इस नए अपडेट को नहीं करवाते हैं तो उन्हें मदद मिलेगी. पशुपालन निदेशालय की ओर से ये कहा गया है कि अपडेट को योजना में और ज्यादा ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए किया गया है.
बताते चलें कि राजस्थान की राज्य सरकार की ओर से ऊष्ट्र संरक्षण योजना के तहत डीबीटी को आधार और जन-आधार से जोड़ने के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है. पशुपालन और गोपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा मौजूदा वक्त में ऊंटों के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए ऊष्ट्र संरक्षण योजना का संचालन किया जा रहा है. जिसमें टोडियों के जन्म पर उनके पालन पोषण के लिए प्रोत्साहन राशि के तौर ऊंट पालकों को दो किश्तों में 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है. इससे ऊंट पालकों को काफी राहत मिलती है.
रकम आसानी से हो जाएगी ट्रांसफर
गोपालन विभाग के शासन सचिव ने बताया कि इस अधिसूचना के जारी होने से अब योग्य ऊष्ट्र पालकों को इस योजना का लाभ लेने के लिए अपना आधार और जन-आधार संख्या होने का प्रमाण देना होगा. जिससे उनके बैंक खातों में ट्रांसपेरेंसी और बेहद ही आसानी के साथ रकम ट्रांसफर की जा सकेगी. इससे योजना में पारदर्शिता आएगी और ऊष्ट्र पालकों को उनकी सहायता राशि सरल और निर्बाध तरीके से सीधे प्राप्त हो सकेगी. उन्होंने बताया कि साथ ही योजना के तहत आवेदन करते समय कई तरह के पहचान पत्र व अन्य दस्तावेज अपलोड करने की भी बाध्यता नहीं होगी.
विभागीय काम में भी होगी आसानी
इस नए बदलाव के बारे में आगे बताते हुए डॉ. शर्मा ने बताया कि योजना के तहत लाभार्थियों को सुविधाजनक रूप से लाभ मिल सकेगा. इसके लिए लाभार्थियों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए विभिन्न माध्यमों से उन तक सूचना पहुंचाई जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से लाभार्थियों को समय पर आर्थिक फायदा मिलने के साथ-साथ विभाग के काम में भी आसानी होगी तथा दक्षता आएगी. इससलिए इस बदलाव को करना बेहद ही अहम है.
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