नई दिल्ली. आइलैंड फिशरीज करने वाले समुद्री मछली पालकों के लिए गुड न्यूज़ है. भारत सरकार ने मछली पालकों के लिए समुद्र की पांच चुनौतियों से खुद निपटने का वादा किया है. सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि उनके इस काम से मछली पलकों को खूब फायदा होगा और उनका मुनाफा कई गुना बढ़ जाएगा. इसे उनकी इनकम बढ़ जाएगी. इन कामों से मछली उत्पादन में भी इजाफा होगा. यह बातें वर्ल्ड फिशरीज डे के मौके पर पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की कैबिनेट मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कही है.
गौरतलब है कि समुद्र में मछली पकड़ने के दौरान मछुआरों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. केंद्र सरकार मछुआरे की इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए काम करने जा रही है. कैबिनेट मंत्री ने बताया कि खासतौर पर पांच तरह की समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए तैयारी चल रही है. जिसमें प्लास्टिक प्रदूषण, पारंपरिक मछली पकड़ने से कार्बन उत्सर्जन, जल प्रदूषण प्लास्टिक को कम करने, पानी की गुणवत्ता में सुधार और पर्यावरण संरक्षण बड़ी चुनौतियों को लेकर काम होगा.
फूड वैल्यू सिरीज बढ़ाने पर जोर
वहीं फिशरीज डे के मौके पर भूख और कुपोषण की वैश्विक चुनौतियों पर भी जोर दिया गया. बताया गया की बढ़ती आबादी को खिलाने के लिए नए समाधानों की जरूरत है. इसमें मछली बड़ा रोल अदा कर सकती है. कार्यक्रम के दौरान FAO की ब्लू ट्रांसपोर्टेशन पहल की प्रेजेंटेशन भी दी गई. जिसमें जालीय कृषि विकास प्रभावित मछली प्रबंधन और एक आर्थिक फूड वैल्यू सिरीज बढ़ाने पर भी जोर दिया गया.
इस चीज की होगी शुरुआत
मंत्री राजू सिंह ने बताया कि पहली बार मछलियों की गिनती के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा. उन्होंने बताया कि शार्क मछली के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना और श्रीलंका बांग्लादेश मालदीव की मदद से बंगाल की खाड़ी में अवश्य शिकार प्रतिबंधित मछली और अनियमित तरीके से पकड़ने पर रोक लगाई जाएगी. वहीं समुद्री प्लास्टिक कूड़े को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन खाद और कृषि संगठन (IMO-FAO) ग्लोलिटर भागीदारी परियोजना, ऊर्जा कुशल कम लागत वाले समुद्री मछली पकड़ने की ईंधन को बढ़ावा देने के लिए रिट्रोफिटेड एलपीजी किट आदि पर आदि की भी शुरुआत की जाएगी.
छोटे पैमाने के मछुआरों पर हो रही है बात
राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने कहा कि जहां दुनिया में छोटे पैमाने के मछुआरों पर बात हो रही है. यह एक बढ़िया कदम है. इससे मछली स्टॉक, हानिकारक मछली पकड़ने के तरीकों को प्रतिबंध लगाने और समुद्री शैवाल की खेती को बढ़ावा देने का प्रयास को बल मिलेगा. वहीं इस दौरान सेक्रेटरी फिशरीज डॉ. अभिलक्ष लिखी ने कहा कि लाखों लोगों के लिए भोजन, आजीविका और समावेशी विकास प्रदान करने में मछली पालन और जलीय कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका है.
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