नई दिल्ली. पशुओं में बीमारी की रोकथाम में उत्तराखंड सरकार कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहती है, तभी तो पिछले दिनों हुई बैठक में अफसरों को वैक्सीनेशन को लेकर चुस्ती के साथ काम करने का निर्देश आला अधिकारियों ने दिया. आला अफसरों ने स्पष्ट रूप से कहा कि वैक्सीनेशन में किसी भी तरीके की लापरवाही न बरती जाए. नहीं तो कार्रवाई होगी. कहा गया कि अगर लापरवाही बरती जाती है तो इससे पशुओं में बीमारी होने का खतरा बढ़ जाएगा, जोकि पशुपालन को बढ़ावा देने में ब्रेक लगाएगा और इससे दूध उत्पादन भी घटेगा.
पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. नीरज सिंघल की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई. बैठक में विभाग द्वारा संचालित विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की गई तथा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए.
उत्पादकता के लिए बेहद है जरूरी
बैठक के दौरान मुंहपका खुरपका टीकाकरण को लेकर अफसरों ने रिपोर्ट देखी. निदेशक ने सभी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे भारत पशुधन एप पर टीकाकरण की प्रगति को शत-प्रतिशत अंकित करें. इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अगर कोई लापरवाही करता है तो फिर कार्रवाई के लिए तैयार रहे. उन्होंने छोटे पशुओं के टीकाकरण भी समीक्षा की. छोटे पशुओं के टीकाकरण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए, निदेशक ने सभी संबंधित अधिकारियों को इस कार्य को समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने के लिए सचेत किया. उन्होंने टीकाकरण की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि यह पशुधन के स्वास्थ्य और उत्पादकता के लिए अत्यंत आवश्यक है.
सुरभि चयन श्रृंखला योजना
सुरभि चयन श्रृंखला योजना की प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए, निदेशक ने उन जिलों के अफसरों को कड़ी चेतावनी दी. जिनकी प्रगति न्यूनतम है. उन्होंने इन जनपदों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे आगामी 18 मई तक लक्ष्य के सापेक्ष अपेक्षित प्रगति प्रदर्शित करें. बैठक में अपर निदेशक मुख्यालय डॉ. उदय शंकर द्वारा टीकाकरण कार्यक्रम की विश्लेषणात्मक समीक्षा प्रस्तुत की गई. उन्होंने उन जनपदों की प्रगति पर गहरी चिंता व्यक्त की जो लक्ष्य से पीछे हैं और उन्हें एक सप्ताह के अंदर अपनी प्रगति सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए. इस महत्वपूर्ण बैठक में डॉ. राकेश सिंह नेगी, मुख्य अधिशासी अधिकारी, यू एल डी बी, डॉ. सतीश जोशी, संयुक्त निदेशक, रोग नियंत्रण, और समस्त जनपदों के चिकित्सा अधिकारियों ने भी भाग लिया. सभी प्रतिभागियों ने विभाग के लक्ष्यों को समय पर प्राप्त करने के लिए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया.
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