Home पशुपालन Animal Husbandry: नई तूड़ी देने से पशुओं को हो सकती है ये परे​शानियां, क्या सावधानी बरतें, जानें यहां
पशुपालन

Animal Husbandry: नई तूड़ी देने से पशुओं को हो सकती है ये परे​शानियां, क्या सावधानी बरतें, जानें यहां

सीता नगर के पास 515 एकड़ जमीन में यह बड़ी गौशाला बनाई जा रही है. यहां बीस हजार गायों को रखने की व्यवस्था होगी. निराश्रित गोवंश की समस्या सभी जिलों में है इसको दूर करने के प्रयास किया जा रहे हैं.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुपालन से जितनी अच्छी कमाई होती है. इस काम में उतना ही ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत भी होती है. इसके लिए ​पशुपालकों को जागरुक करने की जरूरत भी है. जिसके मद्दनेजर लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार की ओर से नारनौल के हुडिना रामपुरा में किसान गोष्ठी का आयोजन गया. कुलपति प्रो. डॉ. नरेश कुमार जिंदल के निर्देश पर हरियाणा पशु विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. देवेन्द्र सिंह और डॉ. ज्योति गुंठवाल और डॉ. मधुसुदन पशु चिकित्सक ने पशुपालकों को जरूर टिप्स भी दिए.

वैज्ञानिक डॉ. देवेन्द्र सिंह ने किसान गोष्ठी में पशुपालकों को पशुओं में नई तूड़ी से होने वाली समस्याओं के बारे में अहम जानकारी दी. वैज्ञानिकों ने बताया कि आमतौर पर गेंहू की कटाई के बाद नई तूड़ी के इस्तेमाल से पशुओं में पाचन सम्बन्धी समस्या जैसे कब्ज लगना या दस्त लगने की समस्या हो सकती है. इसलिए सावधानी बदतना जरूरी है. आहार में एकदम बदलाव से सूक्ष्म जीवों का रूमन में संतुलन बिगड़ जाता है. इससे पशुओं में पाचन सम्बन्धी समस्या हो जाती हैं. वैज्ञानिकों ने बताया कि नई तूड़ी को पशु आहार में एकदम से शामिल न करें, बल्कि उसे धीरे धीरे सात से 10 दिनों में मात्रा को बढ़ाते हुए शामिल करें.

क्या करना है जानें यहां
■ एक्सपर्ट के मुताबिक तूड़ी को थोड़ा बचा कर रखे और नई तूड़ी को पुरानी तूड़ी के साथ मिला कर दें.

■ शुरुआत में पुरानी तुड़ी की मात्रा अधिक रखे और धीरे धीरे नई तूड़ी की मात्रा बढ़ाते जाए व पुरानी तूड़ी की मात्रा कम करते जाएं.

■ नई तूड़ी को पहले छान ले व कुछ घंटे भिगोकर भी रख सकते हैं. जिससे नई तूड़ी अधिक पचने योग्य बन जाती हैं.

■ वैज्ञानिक डा. ज्योति गुंठवाल ने बताया पशु को कब्ज खोलने के लिए पशुचिकित्सक की सलाह से अरंडी का तेल, पैराफीन, अलसी तेल पिला सकते हैं.

■ पशुपालक पशु को सेंधा नमक, हरड, हींग इत्यादि पशुचिकित्सक की सलाह से खिला सकते हैं.

■ पशु की पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए प्रोबायोटिक जैसे यीस्ट कल्चर आदि चाट में दे सकते है.

■ ऐसा करने से नई तूड़ी से होने वाली समस्याओं से पशुओ पशुओ को बचाया जा सकता हैं.

■ गरमुंडा के फल और जड़ो का पाउडर रोजाना 20 ग्राम प्रति 100 किलो शरीर के वजन के अनुसार खिलाने से पशु में कब्ज की समस्या से आराम मिल सकता हैं.

■ अफारा हो तो 200 मिली अरंडी के तेल को गरम पानी के साथ अच्छे से मिलाकर पशु हर चार से छह घंटों के अंतराल में पिला सकते हैं.

■ पशुओ में दस्त लगने की स्थिति में नीम, अनार, अमरूद के पत्तों सूखी अदरक व गुड़ के साथ चिकित्सीय परामर्श से दे सकते हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

पशुपालन

CM Yogi बोले- IVRI की वैक्सीन ने UP में पशुओं को लंपी रोग से बचाया, 24 को मिला मेडल, 576 को डिग्री

प्रदेश सरकार के साथ मिलकर 2 लाख से अधिक कोविड जांच करवाईं....

milk production
पशुपालन

Animal News: अच्छी क्वालिटी का सीमेन कहां से खरीदें, जानें इस बारे में

जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है. क्योंकि उच्च गुणवत्ता वाले सीमन...

CIRB will double the meat production in buffaloes, know what is the research on which work is going on. livestockanimalnews animal Husbandry
पशुपालन

Animal Husbandry: पशुपालन के मुनाफे और नुकसान से जुड़े इन चार सवालों के जवाब पढ़ें यहां

बायो सिक्योरिटी के तहत विभिन्न रोगाणुओं से होने वाले संक्रमण के जोखिम...

HF Cross Cow milk per day
पशुपालन

Animal Husbandry: गर्मी में कैसे होती है थनैला बीमारी, बचाव और इलाज के बारे में भी जानें यहां

एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि गर्मी में होने वाले थनैला रोग की...