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Animal News: जानें बछड़े-बछड़ी की आंत की सफाई और उसे ताकतवर बनाने के लिए क्या करना चाहिए

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प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली. पशुपालन में गाय या भैंस के बछड़े की देखभाल जब बच्चा मां के पेट में रहे तभी से करना शुरू कर देना चाहिए. इस दौरान गर्भ धारण किये हुए गाय-भैंस को अच्छा पोषण युक्त आहार देना चाहिए. जिससे पशु कुपोषित बच्चों को जन्म न दे. वही जब गाय या भैंस बछड़े या बछड़ी को जन्म दे, दे तो उनकी सही तरह से देखभाल करना बहुत ही जरूरी होता है. क्योंकि अगर बछड़ी का जन्म हुआ है तो यही बछड़ी आगे चलकर दुधारू पशु बनेगी. जिससे डेयरी व्यवसाय आगे बढ़ेगा और पशुपालक को इसका सीधा फायदा मिलेगा. अगर पशुपालक भविष्य में ज्यादा फायदा चाहते हैं तो उसकी पशु के बच्चे की देखभाल एक्सपर्ट द्वारा बताये गये तरीके से करना चाहिए.

जिस तरह से आम इंसान का बच्चा पैदा होता है तो डॉक्टर मां का दूध इस उसके लिए सर्वोत्तम आहार बताते हैं. ठीक उसी तरह से जानवरों में भी यही चीज लागू होती है. डेयरी पशुओं के मामले में भी बछड़े-बछड़ों को उनकी मां का पहला दूध जिसे खीस कहते हैं, पिलाना बेहद ही जरूरी है. क्योंकि इससे उन्हें कई तरह के फायदे होते हैं. इस आर्टिकल में हम आपको जन्म के बाद से बछड़ी की देखरेख से जुड़ी कुछ अहम चीज बताने जा रहे हैं, जिसका प्रभाव बछड़े की सेहत से जुड़ा हुआ है.

खीस पिलाने के फायदे पढ़ें, यहां
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि जन्म के बाद बछड़ा या बछड़ी जो भी पैदा हो, उसे बीमारियों से लड़ने की ताकत देने के लिए खीस पिलाना बेहद ही अहम है.

एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक खीस हल्का जुलाब है, जिससे नवजात बछड़े या फिर बछड़ी को पिलाने का बेहद ही फायदा होता है. इससे उनके आंतो से गर्भ के समय का मल बाहर निकल जाता है. इससे उन्हें आराम मिलता है.

खीस बहुत ही पोषक और संतुलित आहार है. इसमे विटामिन ‘ए’ और ‘डी’ प्रचुर माना में होता है. इसे पिलाने से बच्चे को बछड़ी को विटामिन ए और डी की कमी दूर हो जाएगी. इससे बच्चे को कमजोरी नहीं होती है.

एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि खीस कभी भी नवजात की मां को नहीं पिलाना चाहिए.

हमेशा ही इस बात का ध्यान दें कि जहां पशु पानी पीते हों वो जगह साफ होनी चाहिए. हफ्ते में एक बार पानी पीने वाले कुंडे की अन्दर की दीवार पर चूना जरूर लगायें, इससे पानी साफ रहता है.

कोशिश करें कि पशुओं को हमेशा साफ पानी पिलाएं. साफ पानी देने से पशु बीमार नहीं पड़ते हैं. पानी बहुत अधिक ठंडा नहीं होना चाहिए.

पशुओं के रहने का स्थान सूखा और हवादार होना चाहिए. गीली जगह फिनाएल और चूना छिड़कते रहना चाहिए.

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