Home पशुपालन Fodder: पशुओं को चारा और दाना दोनों मिलता है इस फसल से, पशुपालन के लिए है फायदेमंद
पशुपालन

Fodder: पशुओं को चारा और दाना दोनों मिलता है इस फसल से, पशुपालन के लिए है फायदेमंद

livestock animal news
प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. पशुपालन में पशुओं को सालभर हरे चारे की जरूरत होती है. पशुओं को यदि हरा चारा न मिले तो फिर इसका असर प्रोडक्शन पर पड़ता है. वहीं पशुओं को हरे चारे के साथ-साथ दाना ​भी दिया जाता है. इसलिए दोनों की जरूरत पशुओं के आहार के तौर पर पड़ती है. ऐसे में अगर पशुपालक चारे के तौर पर मक्का की बुवाई करें तो उनकी दोनों जरूरतें पूरी हो सकती हैं. क्योंकि चारा मक्का से पशुपालकों को पशुओं के लिए चारा और दाना दोनों ही हासिल हो सकताा है. आपको इस आर्टिकल में हम मक्का की खेती, बीज की उन्नत किस्म, कटाई, उर्वरक और इसके फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं.

एक्सपर्ट का कहना है कि मक्का की खेती चारा तथा दाना दोनों के लिए की जा सकती है. इसका चारा मुलायम होता है तथा पशु इसे चाव से खाते हैं. यह एक प्रोवाइडिंग फीड है. इसमें फलीदार फसलों की खेती जैसे-लोबिया या ज्वार के साथ 2:1 के अनुपात में की जा सकती है.

उन्नत किस्मों के बारे में पढ़ें
आमतौर पर दाने वाली प्रजातियां चारे के काम में लाई जाती हैं. चारे के लिये बताई गई मक्का की उन्नत प्रजातियों में किसान, अफ्रीकन टाल, ने 1006. गंगा-5, जवाहर, और विजय कम्पोजिट, मोती कम्पोजिट, तथा देसी किस्मों में टाइप-41 मुख्य किस्में हैं. संकर मक्का के बीज में। उत्पादित बीज चारे की बुआई में प्रयोग किये जा सकते हैं. इसकी बुआई की बात की जाए तो जून या जुलाई में पहली वर्षा होने पर इसकी बुआई करनी चाहिए. बीज की मात्रा व बुआई की विधि का तरीका ये है कि 50 से 60 किलोग्राम प्रति हेक्टर बीज शुद्ध फसल की बुआई के लिए पर्याप्त होता है. फलीदार चारे जैसे-लोबिया के साथ 3:1 के साथ मिलाकर बोना चाहिए. बीजों की बुआई पक्तियों में 30 सें.मी. की दूरी पर करनी चाहिए

उर्वरक, कटाई व उपज
संकर और संकुल किस्मों में 80 से 100 किलोग्राम तथा देसी किस्मों में 50-60 किलोग्रााम नाइट्रोजन प्रति हेक्टर की दर से देना चाहिए. फॉस्फोरस व पोटाश की भी आवश्यक मात्रा का प्रयोग करें तथा नाइट्रोजन की दो तिहाई मात्रा बुआई के समय तथा शेष एक तिहाई बुआई के 30 दिनों बाद खेत में डालनी चाहिए. नर मंजरियों के निकलने की हालत में फसल चारे के लिए काटनी चाहिए. यह अवस्था बुआई के 65 से 75 दिनों बाद आती है. मक्का हरे चारे को औसत उपज 250-300 क्विंटल हैक्टर होती है. बारिश के दिनों में बुआई करने पर सिंचाई की आवश्यकता नहीं पड़‌ती है. बारिश न होने की दशा में सिंचाई की आवश्यकता होती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

livestock animal news
पशुपालन

Animal Husbandry: क्यों होता है पशुपालन में सेक्स्ड सार्टेड सीमन का इस्तेमाल, क्या हैं इसके फायदे

सेक्स्ड सार्टेड सीमन की हर एक स्ट्रा पशुपालकों के लिये 100 रुपये...

Foot-and-mouth disease, lameness disease, black quarter disease, strangulation disease, hemorrhagic septicemia, HS, live stock, live stock animals, animal husbandry, animal husbandry, animals sick in rain
पशुपालन

Dairy Animal Fodder: पशुओं के लिए हरा और सूखा दोनों चारा मिलता है इस फसल से, डिटेल पढ़ें यहां

आधी मात्रा व फास्फोरस तथा पोटाश की पूरी मात्रा को बुवाई के...

langda bukhar kya hota hai
पशुपालन

Dairy Farm: 10 प्वाइंट्स में जानें कैसा होना चाहिए डेयरी फार्म का डिजाइन ताकि हैल्दी रहे पशु

क्षेत्र की जलवायु भी महत्वपूर्ण है और पशु आवास सुविधाओं के निर्माण...