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Animal Disease: 95 शहरों में पशुओं को हो सकती है पीलिया की बीमारी, इस राज्य में सबसे ज्यादा खतरा

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प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. पशुपालन भले ही तेजी के साथ बढ़ने वाला कारोबार है. किसान भाई खेती के अलावा पशुपालन की ओर रुख भी कर रहे हैं, लेकिन जब पशुओं को बीमारी लगती है तो सारा फायदा नुकसान में तब्दील हो जाता है. इसलिए जरूरी है कि पशुओं को बीमार न होने दिया जाए. ये तभी संभव है कि जब पशुपालक को पशुओं की होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी होगी. अगर जानकारी होगी तो पहले से एहतियात किया जा सकता है और पशुओं बीमार होने से उनका प्रोडक्शन कम होने से और मौत होने से बचाया जा सकता है.

इस बीमारी की बात करें तो अंडमान निकोबार में एक शहर में, असम में 10 शहर में, झारखंड में 25 शहर में, कर्नाटक में एक में, केरल में 14 शहर में, मध्य प्रदेश में एक शहर में पांडिचेरी में तीन शहर में, पंजाब में एक शहर में, राजस्थान में दो शहर में, त्रिपुरा में दो शहर में और वेस्ट बंगाल में चार शहर में फैलने का खतरा है. वहीं सबसे ज्यादा 30 शहरों में उत्तर प्रदेश में यह बीमारी फैल सकती है. इसलिए सबसे ज्यादा इस प्रदेश में अलर्ट रहने की जरूरत है. पशुपालन को लेकर काम करने वाली निविदा संस्था ने कहा है कि पशुपालक पहले से सतर्क हो जाएं तो बेहतर है. क्योंकि जून में इस बीमारी असर दिखेगा.

क्या है इस बीमारी के लक्षण
यहां हम जिक्र करने जा रहे हैं बेबेसियोसिस बीमारी के बारे में, जिसे हम रेड वाटर फीवर भी कहते हैं. इसका खतरा देश में बढ़ रहा है. इस बीमारी में बुखार, एनीमिया, तेज बुखार, कॉफी के रंग का मूत्र निकलना आम है. जबकि हीमोग्लोबिनुरिया, पीलिया, हेमोलिटिक संकट से स्पष्ट, सबक्लिनीकल संक्रमण, बेबियोसिस पाइरेक्सिया के तीव्र रूप में, कमजोरी, श्लेष्मा झिल्ली का पीलापन, अवसाद, अस्वस्थता, एनोरेक्सिया, सांस लेन और हृदय गति में तेजी, हीमोग्लोबिनुरिया.बी.बोविस की भागीदारी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, बी. गिब्सनी संक्रमण में पीलिया असामान्य है.

इन तीन राज्यों इन शहरों ज्यादा है खतरा
पशुपालन को लेकर काम करने वाली निविदा संस्था का कहना है कि इस बीमारी का प्रसार यूपी के आगरा, औरैया, आजमगढ़, बागपत, बहराइच, बलिया, बांदा, बरेली, बिजनौर, एटा, फिरोजाबाद, फ़तेहपुर, गोंडा, गोरखपुर, हमीरपुर, हरदोई, कौशांबी, खेरी, कुशीनगर, मैनपुरी, मथुरा, मिर्जापुर, मुरादाबाद, पीलीभीत, सहारनपुर, सीतापुर, सोनभद्र, अमरोहा, हापुड़ और हाथरस में होने की आशंका है. वहीं झारखंड के बोकारो, चतरा, देवघर, धनबाद, दुमका, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, गुमला, हजारीबाग, जामताड़ा, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा, पाकुर, पलामू, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, रांची, साहिबगंज, सिमडेगा, खूंटी और रामगढ़, जबकि केरल के अलपुझा, एर्नाकुलम, इडुक्की, कन्नूर, कासरगोड, कोल्लम, कोट्टायम, कोझिकोड, मलप्पुरम, पलक्कड़, पथानामथिट्टा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर और वायनाड में ये बीमारी जानवरों में फैल सकती है. बताते चलें कि इन तीन राज्यों के ज्यादशहर हाई रिक्स जोन में रखा गया है.

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