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Poultry Farming: देसी मुर्गों का वजन बढ़ाने के लिए ये तरीका है बेहद ही कारगर, यहां जानें क्या करना है

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प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग में मीट उत्पादन के लिए ब्रॉयलर के अलावा देसी मुर्गों को भी पाला जाता है. जिसे बेचकर पोल्ट्री फार्मर को कमाई होती है. पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि इन मुर्गों को दिन के अलावा रात में भी फीड दिया जाता है. ताकि उनका वजन तेजी के साथ बढ़े. जिससे वह एक तय समय पर तैयार हो जाएं और उनका वजन जब बेचने लायक हो जाए तो बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सके. हालांकि कई बार दिए जा रहे फीड से देसी मुर्गों का वजन नहीं बढ़ता है तो उन्हें दवाएं भी दी जाती हैं. जिससे उनका वजन बढ़ जाता है.

पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि हमेशा इस बात का ख्याल रखें कि मुर्गों को अच्छी गुणवत्ता वाला फीड ही खिलाएं. उन्हें कभी भी खराब गुणवत्ता वाला फीड न दें. क्योंकि इससे उनका वजन जल्दी नहीं बढ़ेगा और आपको ज्यादा दिनों तक फीड खिलाना पड़ेगा. इससे पोल्ट्री फार्मिंग में फीड का खर्च उतना ही हो जाएगा कि जितना अच्छी क्वालिटी का फीड पर खर्च आता है. इससे ज्यादा भी हो सकता है. इसलिए समझदारी इसी में है कि अच्छी क्वालिटी का फीड खिलाया जाए. ताकि मुर्गों का वजन सही वक्त से बढ़े और फिर उन्हें बेचकर कमाई की जा सके.

इन दो दवाओं को पिलाएं
मान लीजिए कि आपके मुर्गों का वजन नहीं बढ़ रहा है तो इसके लिए आप उन्हें कुछ दवाएं दे सकते हैं. आप मुर्गों को जिफ्रोमिन नाम की दवा दे सकते हैं और यह लिक्विड फॉर्म में आती है. इसका इस्तेमाल मुर्गों का वजन बढ़ाने के लिए ही किया जाता है, जो लोग अंडे के लिए मुर्गों का पालन करते हैं, वह भी मुर्गियों का वजन बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं. वहीं एक अन्य दवा जिसका नाम ब्रोटोन है, उसका भी इस्तेमाल कर सकते हैं. यह एक लिवर टॉनिक है, जो ग्रोथ प्रमोटर के तौर पर काम करती है. इस दवा को देने से मुर्गों का पाचन तंत्र मजबूत होता है. इससे मुर्गे जो भी खाते हैं उन्हें अच्छी तरह से डाइजेस्ट होता है. इस वजह से उनकी शारीरिक ग्रोथ अच्छी होती है और तय वक्त पर मुर्गों का वजन भी बढ़ जाता है.

इस तरह से दवा कर करें इस्तेमाल
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये दवाएं कहीं भी आसानी के साथ वेटरनरी मेडिकल स्टोर पर आपको मिल जाएंगी. अब बात की जाए कि किस तरीके से इसका इस्तेमाल करना है और उनकी मात्रा क्या होगी. आपको बता दें कि जब बर्ड की उम्र 35 दिन हो जाए तब जेफ्रोमिन और ब्रोटोन का इस्तेमाल करना चाहिए. 100 मुर्गों के पीछे 12 एमएल जेफ्रोमिन जबकि 10 एमएल ब्रोटोन दें. इनको देने के तरीके की बात करें तो जब मुर्गों को पानी दें उसी में मिलाकर इसे दे दें. पानी की मात्रा उतनी ही रखनी है कि जितना 100 मुर्गें पीते हैं. ताकि दवा वेस्ट न जाए. एक हफ्ते में तीन से चार दिन तक लगातार इनको यह दवा देना है. इसके बाद 6 से 7 दिनों का गैप रखिए. एक हफ्ते के बाद फिर से दे सकते हैं. अगर आप ऐसा करते हैं तो इससे उनका वजन अच्छी तरह से बढ़ जाएगा.

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