नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने बजट में पशुपालन डेयरी सेक्टर के लिए पिटारा खोल दिया है. बजट में पशुपालकों को जोखिम को कम करने के मकसद से यूपी सरकार ने करोड़ों रुपए की योजना की घोषणा की है. साथ ही प्रदेश में पशु चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने के लिए पशु महाविद्यालय खोलने की भी ऐलान बजट में किया गया है. इतना ही नहीं मथुरा में डेयरी प्लांट की क्षमता बढ़ाने की घोषणा भी सरकार ने की है. इस बजट के जरिए सरकार ने कोशिश है कि पशुपालकों को सुरक्षित किया जाए और डेयरी सेक्टर में एक्सपोर्ट और बढ़ावा दिया जाए. गौरतलब है कि दूध उत्पादन के मामले में भारत के विश्व में तो उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है.
रोजगार की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं
बताते चलें कि 4 साल में उत्तर प्रदेश ने देश में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन का खिताब अपने ही पास रखा है. देश में जितना दूध उत्पादन होता है, उसमें यूपी की हिस्सेदारी 15 फीसदी से ज्यादा है. हाल ही में यूपी की प्रसिद्ध प्रतिष्ठित डेयरी कंपनी ने ब्राजील की सरकार के साथ मिलकर गिर गाय पर भी प्रोजेक्ट शुरू किया है. यही वजह है कि यूपी में डेयरी सेक्टर के अंदर रोजगार की संभावनाओं भी तलाशी जा रही हैं. इसे और बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार ने बजट में पशुपालन और डेयरी सेक्टर के लिए बजट में कई घोषणाएं की हैं.
पशुपालकों का जोखिम कम होगा
विधानसभा में बजट पेश करते हुए पशुओं की बीमारी पर रोकथाम लगाने और उन्हें खत्म करने के लिए रोग नियंत्रण योजना को 195.94 करोड़ रुपए इन्वेस्ट करने की बात कही गई है. वहीं पशु बीमार हो जाता है और बीमारी के चलते यदि उसकी मौत हो जाती है तो पशुपालकों को उसका 100% नुकसान न हो इसके लिए सरकार ने जोखिम प्रबंधन एवं पशु धन बीमा योजना के लिए 78.55 करोड रुपए देने का ऐलान किया है. बजट को लेकर एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार के इस कदम से पशु पालकों का जोखिम कम होगा साथ ही और भी पशुपालक क्षेत्र से जुड़ेंगे. वहीं गोरखपुर वेटरनरी कॉलेज बनाने के लिए 100 करोड रुपए देने की बात कही गई है.
किस मद में कितना रुपये दिए
सरकार ने कहा है कि आज भी देशभर में डेयरी सेक्टर से जुड़ी मिल्क सोसायटी का बड़ा रोल है. बजट में सरकार ने इसका पूरा ख्याल रखा और ऐसी सोसाइटियों को और मजबूत करने और बंद पड़ी सोसाइटियों को शुरू करने के लिए 106.95 करोड रुपए देने की बात कही है. घोषणा में कहा गया है कि कामयाबी के साथ चल रही नंद बाबा दुग्ध मिशन योजना के 74.21 करोड़ रुपया दिया जा रहा है. वहीं यूपी में खुलने वाली छोटी डेयरी यूनिट को प्रोत्साहन के लिए 25 करोड़ का बजट दिया गया है. इतना ही नहीं मथुरा में चल रही 30 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाली यूनिट की क्षमता को एक लाख लीटर प्रतिदिन करने के लिए 23 करोड रुपए दिए गए हैं.
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