नई दिल्ली. खालसा कॉलेज ऑफ वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज (केसीवीएएस), अमृतसर ने गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित “खाद्य और पोषण सुरक्षा और किसान कल्याण विजन इंडिया -2047 एंड बियॉन्ड” पर 47वें वाइस चांसलर कन्वेंशन का सह-आयोजन किया. इस कांफ्रेंस के दौरान महिला पशु चिकित्सकों को नियुक्त किए जाने पर भी चर्चा हुई. वहीं केसीवीएएस के प्रबंध निदेशक डॉ. एसके नागपाल ने सम्मान समारोह में केसीवीएएस के बुनियादी ढांचे और उपलब्धि पर प्रकाश डाला, जो 2010 से समाज के लिए उत्कृष्ट सेवा प्रदान कर रहा है.
बताते चलें कि सम्मेलन की अध्यक्षता भारतीय कृषि विश्वविद्यालय संघ (आईएयूए) के अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर सिंह और वेट वर्सिटी, लुधियाना के कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह ने की. जबकि तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ. एके कर्नाटक, कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, राजस्थान ने की. कांफ्रेंस में केसीवीएएस के प्रिंसिपल डॉ. एचके वर्मा विषय विषय पर मुख्य वक्ता थे और उन्होंने नई वृक्ष अवधारणा का महत्व के बारे में बताया.
मिलकर काम करना पर दिया जोर
डॉ. वर्मा ने किसानों के बीच इनोवेशंस को बढ़ावा देने और कम करने, टिकाऊ और लाभदायक कृषि क्षेत्र के लिए किसानों में बाजार आधारित विस्तार और उद्यमशीलता कौशल को बढ़ावा देने पर जोर दिया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एसएयू और आईसीएआर संस्थानों को राज्य के विभागों और क्षेत्र के किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुशल विस्तार कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करके मिलकर काम करना चाहिए. उन्होंने विचार-विमर्श किया कि भारत में कृषि विस्तार की वर्तमान स्थिति में फसल प्रोडक्शन पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जबकि संबद्ध क्षेत्रों को आमतौर पर उपेक्षित किया जाता है.
महिला पशु चिकित्सकों की क्यों हो नियुक्ति
उन्होंने खुलासा किया कि पशु चिकित्सा अधिकारियों और क्षेत्रीय पदाधिकारियों द्वारा प्रदान की जाने वाली विस्तार सेवाएं अपर्याप्त हैं. क्योंकि वे पशुधन के उपचार और रोकथाम पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं और इस प्रकार एएच विभाग में अलग कैडर के लिए समय की आवश्यकता है. आगे सलाहकार सेवाओं में महिला पशु चिकित्सकों को नियुक्त करने का सुझाव दिया. प्रबंधन प्रथाओं के संबंध में संचार में भ्रम से बचने के लिए, विश्वविद्यालयों को संदेश को एकजुट करने के लिए प्रथाओं का एक व्यापक पैकेज विकसित करना चाहिए.
ह्यूमन मैनेजमेंट और मनोविज्ञान का महत्व बताया
अंत में पैनलिस्ट डॉ. एन फेलिक्स, वीसी फिशरीज यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु ने मत्स्य पालन क्षेत्र में विस्तार प्रणाली/सेवाओं की कमी पर प्रकाश डाला और कॉलेज/विश्वविद्यालय स्तर पर मत्स्य पालन विस्तार सेवाओं को विकसित करने पर जोर दिया, डॉ. एनएच केलावाला, वीसी, कामधेनु विश्वविद्यालय, गुजरात, विपणन सलाहकार प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता पर जोर देता है. डॉ. एमएस भुल्लर, निदेशक विस्तार, पीएयू, लुधियाना ने क्षेत्र में किसानों की धारणा को बदलने के लिए मानव प्रबंधन/मनोविज्ञान के महत्व पर जोर दिया. वेट वर्सिटी के विस्तार निदेशक डॉ. पीएस बराड़ ने ज्ञान के उचित प्रसार के लिए सभी विभागों द्वारा विस्तार गतिविधियों के कनवर्जेंट पर जोर दिया. डॉ. वर्मा ने जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान और जय बखान (विस्तार सेवाएं) के नारे के साथ सत्र का समापन किया.
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