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Fisheries: फिशरीज में FIDF के विस्तार को मंजूरी, पढ़ें इस सेक्टर को क्या-क्या फायदा होगा

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मछलियों की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. केंद्र सरकार की तरफ से मत्स्य पालन बुनियादी ढांचा विकास निधि (एफआईडीएफ) के विस्तार को मंजूरी दे दी गई है. इसके विस्तार से मछली पकड़ने के बंदरगाह, मछली लैंडिंग केंद्र, बर्फ संयंत्र, कोल्ड स्टोरेज, मछली परिवहन सुविधाएं, एकीकृत कोल्ड चेन, आधुनिक मछली बाजार जैसे तमाम बुनियादी ढांचों के विकास में तेजी आएगी. इसलिए ये कदम उठाया गया है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7522.48 करोड़ रुपये के पहले से स्वीकृत फंड आकार और 939.48 करोड़ रुपये के बजटीय समर्थन के भीतर 2025-26 तक यानि अगले 3 वर्षों के एफआईडीएफ के विस्तार को मंजूरी दी है.

साल 2018-19 में बना था एफआईडीएफ
सरकार की ओर से कहा गया है कि मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए बुनियादी ढांचे की आवश्यकता को पूरा करने के लिए, केंद्र सरकार ने 2018-19 के दौरान 7522.48 करोड़ रुपये के कुल फंड आकार के साथ मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (एफआईडीएफ) बनाया था. 2018-19 से 2022-23 की अवधि के दौरान एफआईडीएफ के कार्यान्वयन के पहले चरण में, रुपये की निवेश लागत वाली कुल 121 मत्स्य पालन बुनियादी ढांचा परियोजनाएं, विभिन्न मत्स्य पालन बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 5588.63 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं.

इसमें आएगी तेजी
एफआईडीएफ के विस्तार से राज्य में मछली पकड़ने के बंदरगाह, मछली लैंडिंग केंद्र, बर्फ संयंत्र, कोल्ड स्टोरेज, मछली परिवहन सुविधाएं, एकीकृत कोल्ड चेन, आधुनिक मछली बाजार, ब्रूड बैंक, हैचरी, जलीय कृषि विकास, मछली बीज फार्म जैसे विभिन्न मत्स्य पालन बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी आएगी. इसके अलावा मत्स्य पालन प्रशिक्षण केंद्रों, मछली प्रसंस्करण इकाइयों, मछली चारा मिलों/संयंत्रों, जलाशय में पिंजरे की संस्कृति, परिचय गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के जहाजों, रोग निदान प्रयोगशालाओं, समुद्री कृषि और जलीय संगरोध सुविधाओं की कला आदि में तेजी आएगी.

फाइनेंस ​जाारी रहेगा
एफआईडीएफ नोडल ऋण संस्थाओं (एनएलई) अर्थात् राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के माध्यम से चिन्हित मत्स्य पालन बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों सहित योग्य संस्थाओं (ईई) को रियायती वित्त प्रदान करना जारी रखेगा. (एनसीडीसी) और सभी अनुसूचित बैंक, भारत सरकार एनएलई द्वारा कम से कम 5% प्रति वर्ष की ब्याज दर पर रियायती वित्त प्रदान करने के लिए 12 साल की पुनर्भुगतान अवधि के लिए 2 साल की मोरेटोरियम सहित 3% प्रति वर्ष तक ब्याज छूट प्रदान करती है.

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