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Poultry: क्या सच में मुर्गियों को दी जाती है एंटी बायोटिक दवाएं, कितनी है Social Media पर किए जा रहे दावे में सच्चाई

ये बीमारी सभी उम्र की मुर्गियों व टर्की में समान रूप से पाई जाती है.
प्रतीकात्मक फोटो, Live stock animal news

नई दिल्ली. सोशल मीडिया पर अक्सर इस तरह की पोस्ट पढ़ने और देखने को मिलती हैं कि मुर्गे और मुर्गियों का वजन को बढ़ाने के लिए पोल्ट्री फॉर्मर्स दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं. सवाल ये है कि क्या सच में दवाओं का इस्तेमाल हो रहा है और क्या ये इंसानों के लिए नुकसानदेह तो नहीं है. सोशल मीडिया पर दावा किया जाता है कि ब्रॉयलर मुर्गे का वजन बढ़ाने के लिए और ज्यादा अंडे हासिल करने के लिए मुर्गियों को तरह-तरह की दवाएं दी जा रही हैं. वहीं इस संबंध में सेंट्रल एवियन रिसर्च इंस्टीट्यूट, बरेली के डायरेक्टर और पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने कुछ अहम बातें बताईं हैं जो हर किसी को जानना चाहिए.


पोल्ट्री ऐसोसिएशन खारिज करता है सोशल मीडिया के ज्ञान को
उनका कहना है कि मंदी के साथ ही पोल्ट्री कारोबारियों को सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों का भी सामना करना पड़ता है. पोल्ट्री फेडरेशन उसका भी सामना करती है. जबकि बर्ड फ्लू के चलते तो पूरे के पूरे पोल्ट्री फार्म को मुर्गे-मुर्गियों से क्लीन करना पड़ जाता है. यही वजह है कि 2 लाख करोड़ रुपये के इस कारोबार तगड़ा झटका लगता है. सोशल मीडिया पर दावा किया जाता है कि मुर्गों को जल्दी बड़ा करने और मुर्गियों से ज्यादा अंडे लेने के लिए पोल्ट्री फार्म में एंटी बॉयोटिक दवाएं दी जाती हैं. जिसका असर इंसानों के शरीर पर पड़ रहा है. जबकि पोल्ट्री ऐसोसिएशन ऐसी खबरों को खारिज करता है.
मुर्गियां बहुत ही सेंसेटिव होती हैं
सेंट्रल एवियन रिसर्च इंस्टी्ट्यूट के डायरेक्टर अशोक कुमार तिवारी कहते हैं कि किसी तरह की रिसर्च ने ये साबित नहीं किया है कि मुर्गे मुर्गियों को एंटी बॉयोटिक दवा देने से उनका वजन बढ़ाया जा सकता है. या फिर मुर्गी से ज्यादा अंडे हासिल किया जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि होता ये है कि मुर्गियां बहुत ही सेंसेटिव होती हैं तो कुछ लोग जिनकी संख्या बहुत ही कम है वो चोरी-छिपे मुर्गियों को एंटी बॉयोटिक दवाएं खिलाते हैं ताकि वो बीमार न हों. क्योंकि मुर्गियों के बीमार होने से पोल्ट्री फार्मर को नुकसान हो सकता है.

बीमारी से बचाने को करते हैं दवाओं का इस्तेमाल
पोल्ट्री फॉमर्स को इस बात का डर सताता रहता है कि कहीं बीमारी दूसरी मुर्गियों में न फैल जाए. जिससे बड़ी तदाद में मुर्गियां मर जाती हैं. हालांकि इस तरह की दवाओं पर सरकार ने पहले ही बैन लगा रखा है लेकिन फिर भी पोल्ट्री फार्मर ऐसी दवाओं का चोरी से इस्तेमाल करते हैं ताकि मुर्गियों को बीमारी से बचाया जा सके. वजन बढ़ाने और ज्यादा अंडे देने से इसका कोई ताल्लुक नहीं है.

सोशल मीडिया का ज्ञान फैलाता है भ्रम
पोल्ट्री फेड फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रनपाल डांडा कहते हैं कि दवाएं खिलाकर ब्रॉयलर चिकन का वजन बढ़ सकता है. अंडे देने वाली लेयर मुर्गी से ज्यादा और अच्छे अंडे हासिल किए जा सकते हैं. हालांकि इस तरह की दवा अंडे-मुर्गे खाने वालों को नुकसान पहुंचाती हैं जैसी खबरों का कोई आधार नहीं होता है. ये सिर्फ और सिर्फ अफवाह है. उन्होंने कहा कि मैं दावा करता हूं कि कोई मुझे ऐसी एंटी बॉयोटिक बता दें जो मुर्गों का वजन बढ़ाने के लिए दी जा रही है. उन्होंने कहा कि दिक्कत ये है कि सोशल मीडिया पर कुछ बिना पढ़ें-लिखे लोग भी ज्ञानी बन जाते हैं. जबकि उस विषय के बारे में उन्हें कोई नॉलेज नहीं होती है.

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