नई दिल्ली. ब्लैकक्वाटर जिसे लंगड़ी रोग भी कहा जाता है, यह पशुपालन के काम में काफी नुकसान पहुंचाने वाली बीमारी है. इस बीमारी में अक्सर पशुओं को तेज बुखार, उनके शरीर की मांसपेशियों में सूजन जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं. पशु और मत्स्य संसाधन विभाग बिहार सरकार (Animal and Fish Resources Department Government of Bihar) की मानें तो इस बीमारी में सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि अगर समय पर पशु को इलाज ना मिला तो यह बीमारी जानलेवा साबित हो जाती है. यानी जानवर की जान लेकर ही यह बीमारी खत्म होती है. इसलिए एहतियात रखना बेहद ही जरूरी है. ताकि पशुपालन के काम में आर्थिक नुकसान ना हो.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लंगड़ी रोग एक बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है. ये बैक्टीरिया मिट्टी में पाया जाता है और दूषित भोजन खाने या पूंछ बाल काटने जैसी काम के दौरान हुए जख्म से शरीर के अंदर प्रवेश कर जाता है और इससे पशुओं के पैरों या मांसपेशियों में सूजन दर्द होता है. जिसकी वजह से इसे लंगड़ी रोग भी कहा जाता है.
लंगड़ी रोग क्या हैं लक्षण
अचानक तेज बुखार आना.
जांघों के उपर, कंधो या गर्दन पर दर्द एवं सूजन.
पशु लंगड़ाकर चलता है.
चलने फिरने में दिक्कत आ जाती है.
सूजन के भाग को छूने और दबाने पर चड़चड़ाहट की आवाज होती है.
कभी कभी सूजन सड़े घाव में बदल जाता है.
शरीर का तापमान गिरने से पशु की मौत भी हो जाती है.
कैसे करें इलाज
लंगड़ी रोग से बचने के लिए बारिश से पहले पशुओं को वैक्सीन लगवानी चाहिए. खासकर 6 महीने से 2 साल की उम्र के पशुओं को जरूर करना चाहिए.
क्योंकि सबसे ज्यादा रोग की संभावना उन्हीं में रहती है. स्वस्थ पशुओं को अलग रखना चाहिए.
बड़े की साफ—सफाई करनी चाहिए. पशु को जख्म हो तो उसका तुरंत इलाज करना चाहिए.
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