Home पोल्ट्री Poultry Farming: फार्म में चूजों को लाने के बाद करें ये काम, चूजे मरने लगें तो हो जाएं सावधान
पोल्ट्री

Poultry Farming: फार्म में चूजों को लाने के बाद करें ये काम, चूजे मरने लगें तो हो जाएं सावधान

रोगी पक्षियों के पंख बिखरे-बिखरे व लटके रहते हैं और कॉम्ब पर पीलापन नजर आता है.
प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. ब्रॉयलर फार्मिंग शुरू करने के दौरान जब चूजों को लंबे सफर के बाद पोल्ट्री फार्म में लाया जाता है तो इस दौरान कई बार कुछ चूजों की मौत होना स्वाभाविक है. अक्सर ये लंबे सफर की वजह से होता है. अगर मामला इतना है तब तो ठीक है लेकिन कई बार चूजों में इन्फेक्शन की वजह से भी ऐसा होता है. अगर ऐसा हुआ है तो यह लैब टेस्ट के बाद ही पता चलेगा कि चूजों की मौत होने की क्या वजह है. ऐसे में फार्मर्स को तुरंत ही मरे हुए चूजों का पोस्टमार्टम कराकर लैब में टेस्ट कराना चाहिए. ताकि असली परेशानी की वजह पता चले और अन्य चूजों में मृत्युदर को रोका जा सके.

अनुभवी पोल्ट्री फार्मर्स का कहना है कि फार्म में लाए गए चूजों को एंटीबायोटिक और मल्टीविटामिन के सिरप को मिलाकर पानी पिलाना चाहिए. ताकि उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत है तो यह सिरप उसे कंट्रोल कर ले.

क्या-क्या करना चाहिए
सबसे पहले तो चूजों को तुरंत ही अनलोड करना चाहिए और इसके लिए पोल्ट्री फार्म में जमीन पर सफेद पेपर बिछा देना चाहिए.

अगर फ्लोर पर चूजा शिफ्ट कर दिया गया और इस दौरान आपको चूजे मरे दिखाई दें तो उन्हें तुरंत ही अलग कर दें.

हो सकता है कि ये चूजे लंबे सफर से आएं हैं और इसके चलते उनमें मृत्यु दर दिखाई दे रही है, या वजह कोई और भी हो सकती है.

अब इसके बाद सबसे पहले इन्हें पानी पिलाना चाहिए. उसमें एंटीबायोटिक सिरप और मल्टीविटामिन के सिरप को डालना चाहिए. फिर इसी पानी को चूजों को पिलाना चाहिए.

अगर मान लीजिए की चूजों को फीड डाल दिया गया और उन्हें दवाई भी पिला दी गई इसके बावजूद उनमें से कई की मौत हो रही है तो यह गंभीर मामला है.

ऐसे में तुरंत ही मरे हुए चूजों में से किसी एक को ले जाकर लैब में टेस्ट करवा लें. इससे असली बीमारी की वजह पता चलेगी.

निष्कर्ष
दरअसल, कई वजह बार चूजों को इंफेक्शन हो जाता है. इन इंफेक्शन को दूर करने के लिए एंटीबायोटिक दवा दी जाती है.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

poultry news
पोल्ट्री

Poultry Farming: बरसात में इन वजहों से मुर्गियां हो जाती हैं बीमार, जानें बचाव का क्या है तरीका

मुर्गी पालक को बरसात के मौसम में ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत...