Home मीट Buffalo Meat Export: बफैलो मीट एक्सपोर्ट से कैसे कमाया जा सकता है ज्यादा मुनाफा, जानें यहां
मीट

Buffalo Meat Export: बफैलो मीट एक्सपोर्ट से कैसे कमाया जा सकता है ज्यादा मुनाफा, जानें यहां

buffalo meat, BUFFALO, MEAT EXPORT,MEAT PRODUCTION
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. न सिर्फ भारत में मीट की अच्छी खासी डिमांड है, बल्कि विदेशों में भी भारत से मीट एक्सपोर्ट किया जाता है. खास करके अरब कंट्रीज में भारत के बफैलो मीट की काफी डिमांड है. वहां के लोग बफैलो मीट को काफी पसंद करते हैं. अरब के देशों में भारत से कट करके बफैलो मीट एक्सपोर्ट किया जाता है. वहां सुपरमार्केट से लेकर छोटी दुकानों पैक्ड बफैलो मीट बेचा जाता है. इसमें बोनलेस मीट भी होता है. साथ ही हड्डी वाला मीट भी एक्सपोर्ट होता है, जिससे भारत के किसानों को अच्छी कमाई होती है और इस कारोबार से जुड़े तमाम लोग लोगों को फायदा होता है.

एक्सपर्ट का कहना है कि विदेशी कंट्रीज में बफैलो मीट की डिमांड काफी है. हालांकि इस एक्सपोर्ट से भारतीय किसानों को जितना फायदा होना चाहिए उतना फायदा हो नहीं पाता है. इसकी भी वाजिब वजह भी है. आइए इस बारे में जानते हैं कि कैसे भारतीय किसानों को एक्सपोर्ट से ज्यादा फायदा मिलेगा, ऐसे क्या कदम उठाया जाए जिससे यह काम हो सके.

कितना मिलता है दाम
जानकारी के लिए बता दें कि भारत से निर्यात किए गए भैंस के मांस का उत्पादन लाखों बूढ़ी, मादा भैंसों से किया जाता है जो अपने दूध उत्पादन की अवधि पूरी करने के बाद होती हैं. इसलिए, भारत में उत्पादित भैंस का मांस डेयरी उद्योग का एक बाई प्रोडक्ट है और यह विकसित देशों के मांस की तुलना में 2500 से 3000 डॉलर टन के बेहद ही कम मूल्य पर बिकता है. एक्सपर्ट का कहना है कि यदि नर भैंस के बछड़े को बेहतर तरीके से पाला जाए तो इसका फायदा बढ़ सकता है. इसके लिए सरकारी योजनाओं से मदद की जा सकती है. कुल मिलाकर ये कहा जाए कि अगर 200 से 250 किलो वाले मेल भैंसो को एक्सपोर्ट किया जाए तो ज्यादा फायदा होगा.

इस तरह से फायदा बढ़ेगा
भारत से केवल हड्डी रहित, जमी हुई भैंस का मांस निर्यात किया जा रहा है. मूल्य संवर्धन और प्रोसेस्ड भैंस के मांस उत्पादों की आगे की प्रोसेसिंग और निर्यात लाभ मार्जिन बढ़ाएगा. विशिष्ट मांस नस्लों की कमी, रोग मुक्त क्षेत्रों की अनुपस्थिति, स्वच्छ और आधुनिक वधशालाओं की कमी गुणात्मक हानि का कारण बन रही हैं. भारत में तमाम सामान में प्रोसेसिंग स्तर ताजे मांस की बिक्री से 4-5 फीसदी का लाभ होता है, हालांकि, इसे मूल्य वर्धित मांस उत्पादों में प्रोसेस करने से मांस प्रोसेसर के लिए 15-20 फीसदी लाभ मिलेगा. यह अनुमान लगाया गया है कि सभी मांस प्रोसेसर्स के लिए कुल आय का लगभग 7-15 फीसदी बाई प्रोडक्ट के उपयोग से आता है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

buffalo meat benefits
मीट

Meat: इस तरह देश में सालभर उपलब्ध होगा बफैलो मीट, बढ़ेगा एक्सपोर्ट

देश में घरेलू मार्केट इस तरह से कवर नहीं हो पा रहा...

boneless meat export
मीट

Meat: मीट सेक्टर में इन वजहों से नहीं हो पा रहा है विकास, पढ़ें यहां

पारंपरिक मांस उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण कई स्वयं सहायता समूह,...

goat meat benefits
मीट

Meat: बिरयानी, हलीम जैसे लजीज पकवान को कहां सबसे ज्यादा किया जाता है पसंद

हैदराबाद वाले इलाके में हलीम, हैदराबादी दम बिरयानी, पाया नहारी, भेजा, चिकन,...

अगर बात करें बफैलो मीट की तो देश में इसे भी बड़े पैमाने पर पंसद किया जाता है.
पशुपालनमीट

Buffalo Meat: ज्यादा मीट उत्पादन के लिए ऐसे तैयार की जा रही हैं भैंस

नई दिल्ली. मीट उत्पादन दिन व दिन बढ़ता जा रहा है. देश...