नई दिल्ली. एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है. पंजाब से हजारों की संख्या में मुर्रा और नीली रावी नस्ल की मिक्स नस्ल की हजारों भैंसे कहीं ले जाई जा रही है. वीडियो से तो यही लग रहा है कि भैंसों को पैदल ही कहीं ले जाया जा रहा है. जबकि पंजाब एक ऐसा राज्य है, जहां न तो मौजूदा वक्त में चारे की कमी है और न ही पानी की कमी. ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में भैंसों को एक जगह से कहीं और ले जाने के मामले ने एक्सपर्ट को भी हैरान कर दिया है.
दरअसल, पूरा मामला कुछ यूं है कि पिछले दिनों एक साइंटिस कहीं जा रहे थे, तब उन्हें एक नहीं करीब पांच से छह भैंसों के रेवड़ कहीं जाते हुए नजर आए. एक दो रेवड़ को देखकर उन्हें ज्यादा हैरानी नहीं हुई लेकिन जब उनकी संख्या बढ़ती चली गई तो वो सोचने पर मजबूर हो गए. इसके बाद अपनी कार से उतरे और इस बारे में रेवड़ ले जाने वाले लोगों से बातचीत शुरू कर दी. उन्होंने इतनी बड़ी संख्या में भैंसों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के बारे में रेवड़ ले जाने वाले लोगों से मालूम करने की कोशिश की.
कहां ले जाए जा रहे थे भैंसों के रेवड़
जब साइंटिस के पूछने पर रेवड़ ले जाने वाले लोगों से पूछा कि वो इन भैंसो को चराने के लिए ले जा रहे हैं. तो गोलमोल जवाब देने लगे. किसी ने चराने ले जाने की बात कही तो किसी ने कुछ और. जबकि इस वक्त पंजाब में न तो हरे चारे की कमी है और न ही पानी की तो फिर ये भैंस कहां ले जाई जा रही हैं और क्यों, इसका जवाब नहीं मिल पाया है. हालांकि साइंटिस जरूर इसको लेकर परेशान नजर आए. बताया गया कि भैंसों के रेवड़ नाररौल और पटियाला के पास उन्हें मिले थे.
क्या बोले, सीनियर साइंटिस्ट
सेंट्रल बफैलो रिसर्च सेंटर हिसार हरियाणा से रिटायर्ड सीनियर साइंटिस डॉ. सज्जन सिंह लाइव स्टक एनिमल न्यूज को बताया कि जब उन्होंने भैंसों को ले जाने के बारे में पूछा तो उन्हें माकूल जवाब नहीं मिला. उन्होंने इसपर हैरानी जताई कि इतनी बड़ी संख्या में भैंस को पंजाब से ले जाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जब रेवड़ में मौजूद लोगों से उन्होंने सवाल किया कि वो आखिरी भैंसों को कहां ले जा रहे हैं तो उन्होंने उन्हें टालना भी शुरू कर दिया.
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