नई दिल्ली. केंद्र सरकार एक बार फिर से पशु गणना कराने की तैयारी कर रही है. जल्द ही पशुओं की गितनी का काम शुरू हो जाएगा. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से 45 करोड़ रुपये का फंड रिलीज किया जाएगा. जिसका इस्तेमाल करके राज्यवार गिनती का काम शुरू हो जाएगा. वहीं 21वीं पशु गणना के साथ अगर 20वीं गणना का अगर कोई बकाया है तो वो भी साथ ही साथ क्लीयर किया जाएगा. बताया जा रहा है कि पशुओं की गिनती को लेकर ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू हो गया है और इसके पूरा होने के बाद जल्द ही काम भी शुरू हो जाएगा.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले साल 2012 और फिर 2019 में पशु गणना कराई जा चुकी है. सरकार चाहती है कि किसानों की इनकम को बढ़ाया जाए. इस वजह से सरकार पशुपालन को बढ़ावा दे रही है. वहीं पशुपालन के जरिए बहुत से किसानों की इनकम बढ़ी भी है. ऐसे में सरकार जब पशुओं की गिनती कराएगी तो उसे इस बात का भी अंदाजा लग जाएगा कि साल 2019 में हुई गणना के बाद से उसके इस कदम से कितनी सफलता मिली है. पशुओं की गणना में कई अहम बातें सामने आती हैं. आइए जानते हैं कि पशुओं की गिनती क्यों कराई जाती है.
प्लानिंग करने में होती है आसानी
पशु एक्सपर्ट का कहना है कि जब भी पशुओं की गिनती होती है तो इसका पहला फायदा ये होता है कि पशुओं की गिनती का पता चल जाता है. जब संख्या का पता चल जाता है तो इसके हिसाब से प्लान बनाए जाते हैं. इसके जरिए पशुओं की बीमारी के बारे में पता किया जाता है. फिर प्लानिंग करके वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाए जाते हैं. ताकि पशुओं को बीमारी से बचाया जा सके और एक्सपोर्ट में किसी तरह की कोई दिक्कत न आने पाए. वहीं पशुओं की गिनती से दूध उत्पादन का भी पता चल जाता है कि हम कहां हैं. देखा जाए तो दूध उत्पादन में हम पहले स्थान पर हैं लेकिन प्रति पशु दूध उत्पादन के मामले में हम पीछे हैं. इस गिनती से इसे बढ़ाने की योजनाएं बनाई जा सकेंगी. पता चल जाएगा कि आखिरी दिक्कतें क्या हैं. की योजनाएं बनाए जाते हैं.
संरक्षण करने में मिलती है मदद
वहीं गणना में ये भी पता चल जाता है कि किस पशु की संख्या घट रही है या नहीं. अगर घट रही है तो उसके संरक्षण को लेकर भी काम किया जाता है. मसलन राजस्थान में ऊंट की संख्या घट रही है तो उसे बचाने की योजनाएं बनाई जाएंगी ताकि उसे बचाया जा सके. आपको ये भी बताते चलें कि पशुओं की गिनती में गाय, भैंस, ऊंट, घोड़ा, गधे, बकरी, भेड़ समेत अन्य जानवरों की गिनती की जाती है. इसमें इसमें मुर्गा और मुर्गी भी गिने जाते हैं. हालांकि मछली की गिनती अलग तरह से होती है. इस गिनती में मछली को नहीं शामिल किया जाता है.
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