नई दिल्ली. क्या आपने किसी से गाय या भैंस खरीदने के लिए संपर्क किया है और वो आपसे उस पशु के बारे में दावा कर रहा है कि हर दिन 20 से 25 लीटर या 35 से 74 लीटर तक दूध उत्पादन है. तो आप होश्यिार हो जाएं. उसकी बात पर तुरंत विश्वास न करें पहले इसकी जांच करा लें. उसकी बात में सत्यता है या नहीं इसकी जांच करना कोई मुश्किल काम भी नहीं है. बस आपको करना यह होगा कि खून और दूध का सैंपल लेकर गुरु अंगद देव वेटरनरी और एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी गडवासु लुधियाना में आना होगा. यहां इसकी जांच करवानी होगी और फिर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएग
किया जा रहा है धोखा
दरअसल, आजकल ऐसे बहुत से मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें गाय-भैंस को बेचने वाले लोग कुछ केमिकल देकर थोड़े वक्त के लिए गाय-भैंस के दूध देने की क्षमता को 10 से 15 लीटर तक बढ़ा देते हैं. इसी झांसे में आकर खरीदार हजारों रुपए खर्च कर देता हैं. क्योंकि हर पशुपालक की यह तमन्ना होती है कि उसका पशु ज्यादा से ज्यादा दूध उत्पादन करे. ताकि उसे ज्यादा फायदा हो सके, इसी फायदे के चक्कर में पशुपालक धोखा खा रहे हैं.
8 से 10 तक रहता है असर
गड़वासु के वाइस चांसलर डॉक्टर इंद्रजीत सिंह का कहना है कि देश में कुछ लोग सिंथेटिक ग्रोथ हार्मोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे बूस्टिन लैक्टोट्रापिन भी कहा जाता है. उन्होंने बताया कि चोरी छुपे गाय-भैंस का दूध बढ़ाने के लिए यह किया जा रहा है. जबकि इसपर भारत में पूरी तरह से पाबंदी भी लगी हुई है. इसके इस्तेमाल से गाय-भैंस अगर 20 लीटर दूध दे रही है तो वह दूध की मात्रा 30 से 35 लीटर तक हो जाती है. एक बार या डोज दे देने पर 8 से 10 दिन तक इसका रहता है इसके बाद दोबारा डोज दिया जाता है.
कम खर्च में करवाएं जांच
उन्होंने बताया कि बहुत ही कम खर्च पर बूस्टिन लैक्टोट्रापिन की जांच कराई जा सकती है. यूनिवर्सिटी ने इसकी जांच का तरीका खोज लिया है. इस जांच के लिए पशुपालक को उसे गाय भैंस का ब्लड और दूध सैंपल लाना होगा, जिसके बारे में उसे शक है. उसे पशु को बूस्टिन लैक्टोट्रापिन दिया गया है या नहीं सिर्फ 1000 रुपये के खर्च में इसका पता चल जाएगा. उन्होंने बताया कि अमेरिका, कनाडा, पाकिस्तान और ब्राजील जैसे देशों में दूध के उत्पादन के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है जबकि भारत में इसपर बैन है.
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