Home डेयरी Dairy Animal: अजोला उत्पादन का क्या है सही तरीका, पढ़ें यहां, खिलाने से कई गुना बढ़ जाता है दूध प्रोडक्शन
डेयरी

Dairy Animal: अजोला उत्पादन का क्या है सही तरीका, पढ़ें यहां, खिलाने से कई गुना बढ़ जाता है दूध प्रोडक्शन

livestock animal news
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. अजोला जलीय फर्न है और ये डेयरी पशुओं के लिए बड़ी ही बेहतरीन खुराक है. एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि अजोला में कई पोषक तत्व होते हैं. इसे पशुओं को खिलाने से दूध में वसा की मात्रा बढ़ती है. कई ​रिसर्च में ये बात सामने आ चुकी है कि अजोला खाने वाले पशुओं का दूध उत्पादन 20 से 35 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. यही वजह है कि इसलिए इसे पशुओं को जरूर खिलाना चाहिए. अजोला को पशुओं का ड्राई फ़्रूट भी कहा जाता है. जिस तरह से इंसानों को ड्राई फ्रूट खाने से कई फायदे होते हैं, ठीक उसी तरह से डेयरी पशुओं को भी अजोला खिलाने का फायदा होता है. इसको गाय, भैंस, और बकरी को खिलाया जा सकता है.

एक्सपर्ट का कहते हैं कि अजोला में जहां कई सारी खूबियां हैं तो वहीं इसे कम लागत में आसानी से उगाया जा सकता है. इस आर्टिकल हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि कैसे अजोला का उत्पादन किया जा सकता है.

अजोला उत्पादन करने का तरीका

  1. अजोला की खेती के लिए लगभग 10 से 15 किलोग्राम छनी हुई उपजाऊ मिट्टी गड्ढे में सिलपोलिन शीट पर फैला दें. दो किलो गोबर और 30 ग्राम सुपर फॉस्फेट 10 लीटर पानी में घोल बनाकर गड्ढे में डाल दें. इसमें पानी डालकर, पानी का स्तर 10 सेमी तक कर दें. 500 ग्राम से एक किलोग्राम तक अजोला कल्चर गड्ढे के पानी में डाल दें.
  2. अजोला बहुत तेजी से विकसित होता है और 10 से 15 दिन के अंदर पूरे गड्ढे में फैल जाता है. इसके बाद 400-600 ग्राम अजोला प्रतिदिन बाहर निकाला जा सकता है.
  3. प्रत्येक पांच दिन में एक बार 20 ग्राम सुपर फॉस्फेट और लगभग एक किलो गोबर गड्ढे में डालने से अजोला तेजी से विकसित होता है.
  4. ऐसा करने से अपने गुना उत्पादन बढ़ जाएगाा. ये कह सकते हैं कि लगभग 500 ग्राम प्रति गड्ढा हर दिन अजोला का उत्पादन होता रहेगा. अजोला में खनिज प्रचूरता को और भी बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए ‘माइक्रो पुष्टिकर न्यूट्रीटियस मिश्रण जो मैग्नीशियम, लोहा, तांबा, सल्फर इत्यादि को मिलाने से बनता है, की समय-समय पर उचित मात्रा में गड्ढे में मिलाना चाहिए.
  5. सिलपौलिन आधारित पैदावार में कीट तथा बीमारियों का खतरा बहुत ही कम पाया जाता है. कीड़ों और बीमारियों का आतंक अजोला की गहन खेती के दौरान पाया जाता है जिसका निदान यूरोडान 10 ग्राम प्रति वर्गमीटर की दर से उपयोग करके किया जा सकता है. इसी तरह अजोला को वैभेस्टिन घोल के साथ मिलाकर डालने से फफूंद से निजात पाया जा सकता है.
  6. अगर कीड़ों का खतरा बहुत अधिक हो जाए तो पूरी क्यारी को साफ कर देना चाहिए और नये सिरे से नये जगह पर क्यारी बनानी चाहिए.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

animal husbandry
डेयरी

Dairy: बछिया को तंदुरुस्त दुधारू पशु बनाने के लिए जन्म के बाद ये 14 काम जरूर करें पशुपालन

जब बछड़ी 3 माह की हो जाये तब पशुचिकित्सक से टीकाकरण करवा...

cow and buffalo farming
डेयरी

Dairy Animal: जानें कब सबसे ज्यादा हीट में आती हैं गाय-भैंस, मौसम का कितना पड़ता है इसपर असर

एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो अगर गाय-भैंस दो से ढाई साल में...

Milk production, Milk export, Milk rate
डेयरी

Milk Production: इस तरह आजोला खिलाने से पशु ज्यादा दूध का करेगा उत्पादन, पढ़ें डिटेल

इसमें पशुओं के लिए सदाबहार पौष्टिक आहार प्रदान करने की क्षमताएं होती...